

नापासर टाइम्स। प्रदेश के होटलों या आश्रमों में ठहरने वाले 18 साल से कम उम्र के बच्चे-बच्चियों के ठहरने की सूचना अब उनके माता-पिता को देनी होगी। उनका पहचान पत्र व मोबाइल नंबर भी लेना होगा। गृह विभाग के सचिव (विधि) रवि शर्मा ने यह आदेश निकाला है। दरअसल, नाबालिगों के लापता होने और उनके खिलाफ बढ़ते अपराधों की रोकथाम के लिए
सरकार ने यह निर्णय लिया है।
गृह विभाग को आशंका है कि होटल, आश्रम, धर्मशालाओं, सराय या मुसाफिरखानों में ठहरने वालों का रिकॉर्ड रखने की समुचित व्यवस्था नहीं है। यह सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर है। इसलिए, नया आदेश दिया गया है। हालांकि, बड़े होटलों में ऐसा पहले से किया जा रहा है। लेकिन, नाबालिग बच्चे के बारे में उनकी सूचना परिजनों को भेजने की बाध्यता अब कड़ाई से लागू की जाएगी।
संचालक की चार जिम्मेदारियां होंगी
संचालक एक रजिस्टर संधारित करेंगे। ठहरने वाले की पूरी जानकारी व पहचान पत्र की प्रति रिकॉर्ड में रखनी होगी।
नाबालिग आता है तो उसके पहचान पत्र की फोटो प्रति प्राप्त कर जानकारी संचालक परिजन या संरक्षक को सूचित करेंगे। कोई संदिग्ध ठहरता है तो सूचना पुलिस थाने या चौकी पर देनी होगी। इन संस्थानों में संधारित रिकॉर्ड को राज्य की अनुसंधान एजेंसी या जिला मजिस्ट्रेट या फिर पुलिस अधीक्षक के प्राधिकृत अधिकारियों को निरीक्षण के लिए देना अनिवार्य होगा।

