नापासर टाइम्स। विधानसभा चुनाव में जीत के बाद अब बीजेपी में मुख्यमंत्री के चयन को लेकर दिल्ली से लेकर जयपुर तक हलचल तेज हो गई है। आज सीएम पद को लेकर दिल्ली में बैठकों का दौर शुरू होने जा रहा है। बीजेपी के सीएम पद के दावेदार नेताओं ने जीत के बाद रणनीतिक रूप से चुप्पी साध रखी है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद दिल्ली पहुंच चुके हैं। सोमवार से संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत होने के कारण सभी सांसद रात को ही दिल्ली पहुंच गए थे। आज राजस्थान को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बैठक कर सकते हैं। इससे पहले राजस्थान बीजेपी के चुनाव प्रभारी और प्रदेश प्रभारी भी अलग-अलग बैठकें करेंगे। बताया जा रहा है कि राजस्थान का फैसला मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ ही हो सकता है। बीजेपी आज-कल में ही राजस्थान सीएम के नाम पर फैसले की तैयारी में है।
मुख्यमंत्री पद पर चौंकाने वाला नाम आ सकता है पीएम मोदी के केंद्र में सत्ता में आने के बाद जिन भी राज्यों में चुनाव हुए हैं, वहां मुख्यमंत्री पद पर नए चेहरे देकर चौंकाया है। राजस्थान में भी आधा दर्जन के करीब नेता सीएम पद की रेस में है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी दावेदार हैं। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत, अश्विनी वैष्णव, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के अलावा किरोड़ीलाल मीणा, ओमप्रकाश माथुर, प्रकाश चंद के नाम भी सीएम के दावेदारों के तौर पर चर्चा में हैं। फाइनल फैसला पीएम मोदी, अमित शाह के स्तर पर होगा, लेकिन तब तक बीजेपी में अंदरखाने कई तरह के कयास लग रहे हैं।
विधायक दल की बैठक में होगी नाम की घोषणा सीएम पद पर नेता का नाम जल्द फाइनल होने के आसार हैं। दिल्ली में नाम फाइनल होने के बाद जयपुर में जल्द बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी। इस बैठक में बीजेपी के चुनाव प्रभारी, प्रदेश प्रभारी और वरिष्ठ नेता रहेंगे। विधायक दल की बैठक में ही सीएम के नाम की घोषणा होगी। बीजेपी में अब तक इसी परिपाटी से सीएम के नाम की घोषणा की जाती रही है।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक 5 दिसंबर को, नेता प्रतिपक्ष पर फैसला संभव
कांग्रेस ने 5 दिसंबर को जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलाई है। जिसमें नेता प्रतिपक्ष के चयन पर फैसला होने के आसार हैं। बैठक में नेता प्रतिपक्ष के चयन का फैसला हाईकमान पर छोड़ने का प्रस्ताव पास हो सकता है। विधायक दल की बैठक में हार के कारणों की समीक्षा पर चर्चा होने के साथ ही इसकी समीक्षा के लिए कमेटी बनाई जा सकती है।