नापासर टाइम्स। वैशाख की विनायक चतुर्थी का व्रत 23 अप्रैल 2023 रखा जाएगा. शास्त्रों के अनुसार विनायकी चतुर्थी व्रत की पूजा दोपहर में ही की जाती हैं, क्योंकि इस दिन शाम के समय में चंद्रमा नहीं देखने की मान्यता है। इस दिन चंद्रमा को देखने से झूठा कलंक लगता हैं. वैशाख विनायक चतुर्थी व्रत के दिन बहुत ही शुभ योग का संयोग बन रहा है. इस शुभ योग में गणपति की पूजा करने से संतान पर आने संकट टल जाते हैं वहीं सुख-सौभाग्य में कोई कमी नहीं रहती.
*वैशाख विनायक चतुर्थी 2023*
वैशाख शुक्ल चतुर्थी तिथि शुरू – 23 अप्रैल 2023, सुबह 07 बजकर 47 मिनट
वैशाख शुक्ल चतुर्थी तिथि समाप्त – 24 अप्रैल 2023, सुबह 08 बजकर 24 मिनट
गणेश जी की पूजा का मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 07 – दोपहर 01 बजकर 43 मिनट (23 अप्रैल 2023)
*वैशाख विनायक चतुर्थी 2023 शुभ योग*
विनायक चतुर्थी के दिन सौभाग्य और रवि योग का संयोग बन रहा है. सौभाग्य योग अपने नाम स्वरूप सौभाग्य में वृद्धि प्रदान करता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रवि योग में सूर्य का प्रताप तेज रहता है, ये अशुभ मुहूर्त को खत्म करने की क्षमता रखता है. ऐसे में गणपति की पूजा शीघ्र शुभ फल प्रदान करेगी.
*वैशाख विनायक चतुर्थी उपाय*
सबसे बड़े विघ्न राहु और केतु की शांति के लिए विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी ही भक्तों के लिए सबसे बड़े सहारा माने जाते हैं. वैशाख विनायक चतुर्थी के दिन गणपति को सिंदूर का चोला चढ़ाएं. मान्यता है इससे राहु कभी परेशान नहीं करता.
बुध ग्रह की शांति के लिए विनायक चतुर्थी पर किन्नर को हरी वस्तुएं जैसे इलायची, हरे वस्त्र, मूंग दाल का दान करें. साथ ही 21 लड्डू गणपति को चढ़ाएं और ऊं ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: मंत्र का जाप करें. मान्यता है इससे बुध ग्रह से मिल रही पीड़ा से राहत मिलती है और बच्चों की बौद्धिक क्षमता तेज होती है.