वनरक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर 6-6 लाख में बेचा,एग्जाम से 1 घंटे पहले मिली आंसर शीट; पहले दिन दूसरी पारी का एग्जाम रद्द

नापासर टाइम्स। राजस्थान में एक और भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया। 2300 पदों के लिए 12 और 13 नवंबर को वनरक्षक परीक्षा हुई थी । 12 नवंबर को दूसरी पारी के पेपर की आंसर शीट एग्जाम से पहले ही वॉट्सऐप पर आ गई थी। पुलिस ने पेपर लीक में सरकारी कर्मचारी को गिरफ्तार किया और 10 लोगों को हिरासत में लिया है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि 5 लाख रुपए में पेपर खरीदा गया और 6-6 लाख रुपए में बेच दिया।

राजसमंद SP सुधीर चौधरी ने बताया कि पुलिस को एसओजी से इनपुट मिला था कि परीक्षा से पहले अभ्यर्थी दीपक शर्मा के पास आंसर शीट है। 12 नवबंर की दूसरी पारी के पेपर से एक घंटे पहले ही दोपहर 1.30 बजे दीपक शर्मा को आंसर शीट मिल चुकी थी। दीपक के वॉट्सऐप की जांच की तो उसमें 62 आंसर विकल्पों के साथ मिले। उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
62 आंसर एग्जाम से पहले ही मिल गए इस आंसर शीट को पेपर से मिलाया गया तो यह सही पाई गई थी। दीपक ने पुलिस को बताया कि उसे 9461*** सीरीज के वॉट्सऐप नंबर से यह आंसर शीट मिली थी। वॉट्सऐप वाइस कॉल पर 12 नवंबर को हुई परीक्षा के दूसरी पारी के प्रश्न पत्र के उत्तर के लिए उसने 5 लाख रुपए में डील की थी। डील के तहत आंसर शीट वॉट्सऐप पर परीक्षा से करीब 1 घंटे पहले उपलब्ध कराने की बात हुई थी। पुलिस ने पूछा कि किस सोर्स से पेपर मिला तो जयपुर के पवन सैनी का नाम सामने आया। पुलिस ने पवन को भी डिटेन कर लिया।
पूछताछ में दीपक ने बताया कि यह हल पेपर उसने उसके परिचितों करौली के सपोटरा निवासी जितेंद्र कुमार सैनी और दौसा में लालसोट के हेतराम मीणा को 6-6 लाख रुपए में बेच दिया। दीपक ने इन दोनों को वॉट्सऐप पर पेपर भेज दिया था।

पुलिस ने माना कि दीपक, पवन सैनी, जितेंद्र सैनी, हेतराम व अन्य ने संगठित होकर पेपर लीक किया। फिलहाल पुलिस ने दीपक शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी 9 अन्य को पेपर लीक का संदिग्ध मानते हुए डिटेन किया है।
पेपर लीक किया, यह संगठित अपराध

पुलिस ने यह भी माना सभी ने गिरोह की तरह काम करते हुए न केवल पेपर लीक किया बल्कि उन छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जो आयोग की ओर से आयोजित भर्ती परीक्षा की निष्पक्षता में विश्वास करते हैं और पास होने के लिए पूरी ईमानदारी से मेहनत करते हैं। पुलिस ने दीपक शर्मा व अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 120 बी, धारा 3, 6, 10 ( राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय अधिनियम 2022 ) के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपियों से पूछताछ जारी है।
इनको पुलिस ने डिटेन किया

• पवन (33) पुत्र रामलाल गंगापुर सिटी सवाई माधोपुर

जितेंद्र सैनी (26) पुत्र लक्ष्मीचंद्र सैनी सपोटरा करौली

हेमराज (24) पुत्र मूलचंद अजयपुरा, लालसोट दौसा

गिरिराज (30) पुत्र मूलचंद आंधी, जयपुर ग्रामीण

योगेंद्र (27) पुत्र कप्तान जाट टोहिला, लखनपुर भरतपुर

राजेश (26) पुत्र अर्जुनलाल मीणा हीरापुर जयपुर

ग्रामीण

सांवलराम (28) पुत्र कल्याण मल मीणा हीरापुर, जयपुर ग्रामीण

मनीष (19) पुत्र सीताराम सैनी बागडोली बौंली सवाई माधोपुर

विजेंद्र (24) पुत्र श्रीलाल सैनी सपोटरा करौली

इस पुलिस टीम ने की कार्रवाई

गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए पुलिस विशेष प्रयास कर रही है। पुलिस व एसओजी की इस कार्रवाई में राजसमंद एसपी सुधीर चौधरी, ASP शिवलाल बैरवा, सीओ छगन पुरोहित नाथद्वारा, पुलिस थाना टीम रेलमगरा, जयपुर डीसीपी ईस्ट राजीव पचार, डीसीपी साउथ योगेश गोयल, दौसा एसपी संजीव नैण, एसपी भिवाड़ी शांतनु कुमार सिंह, एसपी करौली नारायण टोगस, रामनगरिया थाना इंचार्ज राजेश शर्मा, जवाहर सर्कल थाना इंचार्ज सुरेंद्र सैनी, दौसा कोतवाली थाना इंचार्ज लाखनसिंह यादव, सवाई माधोपुर बौली थाना इंचार्ज कुसुम मीणा व करौली कोतवाली थाना इंचार्ज उदयभान ने विशेष भूमिका निभाई।