संयुक्त परिवार में अनूठी पहल : दादाजी की इच्छा का किया सम्मान, 17 पोते-पोतियों की एक ही मंडप में विवाह*

    नापासर टाइम्स। सामूहिक विवाह में कई जोड़ों को एक साथ परिणय सूत्र में बंधते तो देखते रहते है, लेकिन संयुक्त परिवार में 17 चचेरे भाई-बहनों की एक साथ शादी का नजारा सचमुच अद्भुत रहा। मंगलवार को नोखा क्षेत्र में ऐसा ही अनोखा दृश्य देखने को मिला। लालमदेसर छोटा में 12 दूल्हे बारात लेकर पहुंचे, तो उनकी खातिरदारी में पूरा गांव जुट गया। इससे पहले सोमवार-मंगलवार मध्य रात्रि पांच चचेरे भाई परिणय सूत्र में बंधे थे।

    असल में गांव के सुरजाराम गोदारा ने संयुक्त परिवार में किफायत की एक मिसाल कायम करने के लिए अपने 17 पोते-पोतियों का एक साथ विवाह रखा।

    इसके लिए शादी का निमंत्रण कार्ड भी एक ही छपाया गया। जिसमें पांच पौत्रों को आयुष्मान और 12 पौत्रियों को आयुष्मती के रूप में लिखाया गया। पांचों दूल्हों की एक ही समय में बारात रवानगी की गई। पोतियों को ब्याहने आने वाले बारातियों के स्वागत कार्यक्रम भी एक ही समय दर्ज किया गया

    *मंगलवार रात को एक-एक कर 12 बारातें गांव में पहुंचीं*

    सुरजाराम के घर शादी का बड़ा शामियाना लगाया गया। बारातों को रात में रोकने की व्यवस्था गांव में अलग-अलग जगह की गई। इस विवाह की इस गांव के साथ ही आस-पास के ग्रामीण अंचल में भी खासी चर्चा रही।

    *पांच बेटों का परिवार एक साथ*

    आज जहां भाई-भाई की नहीं बनती, वहीं सुरजाराम गोदारा के पांच बेटे ओमप्रकाश, गोविन्द गोदारा, मानाराम, भागीरथ व भैराराम गोदारा आज भी संयुक्त परिवार के रूप में रहते हैं। इन पांचों की 17 संतान हैं। इनमें पांच लड़के और 12 लड़कियां हैं। सभी के बालिग होने पर परिवार ने अलग-अलग शादी के खर्च की जगह सामूहिक शादी कर विवाहों पर होने वाले खर्च को कम करने का संदेश देते हुए एक ही सावे पर शादियां की हैं। पांच लड़कों की शादी होने के बाद मंगलवार सुबह बारात वापस घर लौटी। रात को 12 जोड़ों के फेरे होने के बाद सभी 17 जोड़ों का आशीर्वाद समारोह हुआ