नापासर टाइम्स। बीकानेर जिले की हॉट सीटों को लेकर एक्जिट पोल भी पूरी तरह से उलझ गया है और साफ साफ कुछ भी कहने से बच रहा है। इसकी मूल वजह मतदाता का रहस्यमयी होना है। वो इस बार लाख उकसाने का बाद भी अपने रुख को सार्वजनिक नहीं कर रहा है। इसी वजह से कल के एक्जिट पोल में सटीक बात कहने से जहां पोल बचा तो पत्रकार भी बोलने से बचते रहे।
बीकानेर जिले में सबसे हॉट सीट बीकानेर पश्चिम को माना गया। जहां कद्दावर नेता व राज्य के शिक्षा मंत्री का मुकाबला हाल ही में आरएसएस से भाजपा में आकर चुनाव लड़ने वाले जेठानन्द व्यास से था। सीधा मुकाबला था इसीलिए ये सीट हॉट सीट बनी। इस सीट पर कड़ा मुकाबला है ये चुनाव शुरू होते ही मान लिया गया। चुनाव ज्यूँ ज्यूँ आगे बढ़ा उसमें उलझाव आता गया।
कल्ला के पास 9 चुनाव पहले लड़ने का अनुभव था वहीं व्यास का तो ये पहला ही चुनाव था। एक एक वोट के लिए दोनों कसरत करते दिखे। जातीय समीकरण ही यहां स्पष्ट नहीं हो सके तभी तो परिणाम पर कुछ खुलकर कहने से बच रहे हैं लोग। कोई भी पक्ष हार को स्वीकार नहीं रहा। जातियों की गणित, चुनाव प्रबंधन, साधन के आधार पर ही लगता है यहां कुछ तय हुआ है, जो अब 3 दिसम्बर को सामने आयेगा।
जिले की दूसरी हॉट सीट है लूणकरणसर। ये सीट परिणाम की दृष्टि से हॉट है। क्योंकि यहां चतुष्कोणीय मुकाबला है। वीरेंद्र बेनीवाल कांग्रेस के बागी है और प्रभुदयाल सारस्वत निर्दलीय । दोनों की स्थिति को कम या शून्य तो माना ही नहीं जा सकता। क्योंकि दोनों का अपना वोट बैंक है। इस स्थिति में दलीय उम्मीदवारों पर ही संकट आयेगा। अब ये दोनों गैर दलीय उम्मीदवार किसके अधिक वोट काट रहे हैं, उससे ही परिणाम का जिन बाहर आयेगा जो अभी अदृश्य है। लाख तरीके के लेंस लगाने पर वो दिख नहीं रहा।
यहां कोई किसी के तो कोई अन्य के जीत की बात कर रहा है।
इन दोनों सीटों के चुनाव परिणाम चकित करेंगे और कई लोगों के पुख्ता कयासों को ध्वस्त भी करेंगे। कल कई एक्जिट पोल के नतीजे आये पर वे भी स्थिति स्पष्ट नहीं कर सके। कहावत भी है, जो दिखता है वो होता नहीं और जो होता है वो दिखता नहीं।