आज 6 शुभ संयोग में है शनि जयंती, जानें मुहूर्त, पूजन सामग्री और पूजा विधि, शनि देव से पा सकेंगे 4 वरदान*

नापासर टाइम्स। आज 19 मई शुक्रवार को शनि जयंती मनाई जा रही है. आज शनि देव का जन्मदिन है. आज शनि जयंती पर 6 शुभ संयोग बने हैं. शोभन योग, शश योग और गजकेसरी योग में शनि जयंती मनाई जा रही है. इसके अलावा आज के दिन ज्येष्ठ अमावस्या, वट सावित्री व्रत और शिववास का भी सुंदर संयोग बना है. धार्मिक मान्यताओं अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या को शनि देव का जन्म सूर्य पुत्र के रूप में हुआ था. शनि देव की माता का नाम छाया है. शनि देव की बहन भद्रा हैं. यमराज और यमुना भी शनि देव के भाई और बहन हैं. शनि जयंती पर विधि विधान से पूजा करके आप शनि देव को प्रसन्न करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं शनि जयंती के मुहूर्त, शुभ योग, पूजन सामग्री, पूजा ​विधि और महत्व के बारे में.

*शनि जयंती 2023 शुभ मुहूर्त और योग*

ज्येष्ठ अमावस्या तिथि की शुरूआत: 18 मई, रात 09:42 बजे से

ज्येष्ठ अमावस्या तिथि की समाप्ति: आज, 19 मई, रात 09:22 बजे पर

शोभन योग: आज सुबह से लेकर शाम 06:17 बजे तक

आज का शुभ समय: सुबह 11:50 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक

शिववास गौरी के साथ: सुबह से लेकर रात 09:22 बजे तक

*शनि जयंती पूजा का शुभ मुहूर्त 2023*

चर-सामान्य मुहूर्त: सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 07 बजकर 11 मिनट तक

लाभ-उन्नति मुहूर्त: सुबह 07 बजकर 11 मिनट से सुबह 08 बजकर 53 मिनट तक

अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: सुबह 08 बजकर 53 मिनट से सुबह 10 बजकर 35 मिनट

शुभ-उत्तम मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से दोपहर 02:00 बजे तक

*शनि जयंती 2022 पूजा सामग्री*

शनि देव की मूर्ति या तस्वीर, नीले फूल, काला या नीला वस्त्र, काला तिल, सरसों का तेल, तिल का तेल, फूलों की माला, शमी के पत्ते, काली उड़द, मिट्टी का दीपक, अक्षत्, धूप, गंध, रुई की बत्ती, जल, शनि चालीसा की पुस्तक, हवन कुंड और हवन सामग्री.

शनि जयंती पर दान की वस्तुएं
काला तिल, उड़द, शनि चालीसा, काला या नीला वस्त्र, लोहा, स्टील के बर्तन, जूते-चप्पल, काला कंबल, काला छाता, सरसों का तेल, तिल का तेल आदि.

*शनि पूजा मंत्र*

ओम निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

या

ओम शनैश्चराय नमः।

*शनि जयंती पूजा विधि*

आज प्रात: स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनें. उसके बाद हाथ में फूल और जल लेकर शनि जयंती व्रत और शनि पूजा का संकल्प करें. उसके बाद शुभ मुहूर्त में शनि देव के मंदिर जाकर पूजन करें. शनि देव को फूल, अक्षत्, माला, धूप, दीप, तिल, गंध, नैवेद्य, शमी के पत्ते, फल आदि अर्पित करते हुए पूजा करें. पूजा मंत्र का उच्चारण करें. सरसों या तिल के तेल से उनका अभिषेक करें. शनि चालीसा का पाठ करें. उसके बाद विधिपूर्वक हवन करें. छाया दान करें. उनकी ​प्रिय वस्तुओं का दान गरीबों को कर दें. जरूरतमंद लोगों की मदद और सेवा करें.

*शनि देव से मिलेंगे 4 वरदान*

1. शनि देव की पूजा करने से साढ़ेसाती, ढैय्या का दुष्प्रभाव खत्म होगा.

2. रोग और कष्टों से मुक्ति मिलेगी.

3. कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता प्राप्त होगी.

4. शनि दोष से छुटकारा मिल सकता है.