नापासर टाइम्स,बीकानेर शहर में मानसून कुछ धीमा पड़ गया है लेकिन आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार दूसरे दिन झमाझम बरसात हुई। खासकर भारत-पाक सीमा पर बसे खाजूवाला कस्बे और आसपास के गांवों में काफी देर बारिश हुई। खाजूवाला कस्बे में तो हालात इतने बिगड़ गए कि गलियों में पानी जमा हो गया। कुछ
दुकानों में भी पानी घुस गया।
खाजूवाला में करीब आधे घंटे तक तेज बारिश हुई। इस दौरान कस्बे में कच्ची सड़कों पर पानी जमा हो गया। सही ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने से कस्बे की अधिकांश गलियां पानी से भर गई। दुकानों में पानी पहुंचने से नुकसान भी हुआ है। पिछले दिनों यहां चले अतिक्रमण तोड़ा अभियान के बाद नालियों को फिर से नहीं बनाया गया। ऐसे में गंदा पानी भी सड़कों पर ही जमा हो गया। अब इस पानी से बीमारियां फैलने की आशंका जताई जा रही है। खाजूवाला के निचले एरिया में ज्यादा संकट खड़ा हो गया है। जहां पानी जमा होने से लोगों को घरों में बैठना भी मुश्किल हो रहा है। कस्बे में आज भी ड्रेनेज सिस्टम तैयार नहीं हो सका है। ऐसे में ग्रामीणों को हर बारिश में परेशानी होती है।
बॉर्डर पर जवान भीगे
खाजूवाला से भारत-पाक बॉर्डर तक आधा घंटे तक पानी बरसता रहा। बीएसएफ के जवान भी बारिश में ही सीमा पर डटे हुए हैं। सीमा के आसपास के क्षेत्र में बारिश से मिट्टी के टीले भी तरबतर हो गए हैं। सीमा पर बनी चौकियों में सिर्फ पोस्ट पर ही सिर छिपाने के लिए
बॉर्डर पर जवान भीगे
खाजूवाला से भारत-पाक बॉर्डर तक आधा घंटे तक पानी बरसता रहा। बीएसएफ के जवान भी बारिश में ही सीमा पर डटे हुए हैं। सीमा के आसपास के क्षेत्र में बारिश से मिट्टी के टीले भी तरबतर हो गए हैं। सीमा पर बनी चौकियों में सिर्फ पोस्ट पर ही सिर छिपाने के लिए कुछ बना हुआ है। बाकी जवानों को पैदल या ऊंट पर भीगते हुए ही पेट्रोलिंग करनी पड़ती है।