होलिका दहन के लिए 12.20 तक का समय सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग में होली का दहन बढ़ाएंगे सुख समृद्धि व वैभव

    नापासर टाइम्स | होली 24 और धुलंडी इस बार 25 मार्च को मनाई जाएगी। होली के मौके पर एक ओर जहां वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण लगेगा वहीं भद्रा 24 मार्च रात को समाप्त हो जाएगी। चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेंगे और भद्रा रात को समाप्त होने के कारण होली के रसिकों को होली खेलने का पूरा समय मिलेगा। वैदिक पंचांग की गणना के मुताबिक इस साल धुलंडी 25 मार्च को है और इसी दिन चंद्रग्रहण भी लगेगा। यह वर्ष 2024 का पहला चंद्र ग्रहण होगा। लेकिन चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसका भारत में सूतक भी मान्य नहीं होगा। ज्योतिर्विद पंडित हरिनारायण व्यास मनासा के

    अनुसार भारतवर्ष में यह चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा। ऐसे में होली का त्योहार प्रतिवर्ष की भांति धूमधाम से मना सकते हैं। होली पर भले ही भारत में चंद्रग्रहण नहीं दिखेगा लेकिन होली पर भद्रा का साया रहेगा। भद्रा 24 मार्च को सुबह 9.56 बजे शुरू होगी जो रात को 11.14 बजे तक रहेगी। इस बार होलिका दहन 24 मार्च की रात को होगा। होलिका दहन के लिए रात 11:14 से मध्यरात्रि 12:20 बजे तक का मुहूर्त शुभ रहेगा। उपछाया चंद्र ग्रहण लगने पर चंद्रमा कन्या राशि में मौजूद रहेंगे जहां पर पहले से केतु विराजमान होंगे। यह उपच्छायी चंद्र ग्रहण अमेरिका, जापान, रूस के कुछ हिस्से, आयरलैंड, इंग्लैंड, स्पेन, पुर्तगाल, इटली, जर्मनी, फ्रांस, हॉलैंड, बेल्जियम, दक्षिणी नॉर्वे और स्विट्जरलैंड में दिखाई देगा। यह चंद्र ग्रहण कन्या राशि में लगेगा। ये उपछाया चंद्रग्रहण सुबह 10 बजकर 23 मिनट से शुरू हो जाएगा जो दोपहर 3 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। इसमें चंद्रमा धूंधला होता दिखाई देता है, लेकिन ग्रहण नहीं होता है। ऐसे ग्रहण को केवल खगोलीय घटना के रूप में ही मान्य किया है।

    होलिका दहन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7 बजकर 34 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजकर 35 मिनट तक है। वहीं रवि योग सुबह 6 बजकर 35 मिनट से सुबह 7 बजकर 34 मिनट तक है।