डॉक्टरों पर सरकार द्वारा लाठीचार्ज करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण ÷ विधायक गोदारा,राइट टू हेल्थ बिल पर सदन में रखी बात*

नापासर टाइम्स। आज विधानसभा में विधायक सुमित गोदारा ने राइट टू हेल्थ बिल पर बोलते हुए सदन में कहा कि सरकार इस बिल को लेकर तो आई परंतु जो डॉक्टर राजस्थान से पलायन कर रहे हैं सरकार उनका आंकड़ा भी पेश करती तो अच्छा होता ,हमारे यहां के डॉक्टर जो सबसे ज्यादा मेहनती है , दुनिया इनका लोहा मानती है ।डॉक्टर जो अपने जीवन के 15 साल अपना बेस्ट देकर डॉक्टर बनते हैं क्या हम उनके पलायन को रोक नहीं सकते , राजस्थान सरकार इस बिल द्वारा डॉक्टरों पर इस तरह के बंधन लेकर आ रही है , क्या यह उचित है ? सरकार आम जनता के साथ अन्याय कर रही है ।
विधायक के गोदारा ने सदन में बोलते हुए कहा कि सरकार द्वारा डॉक्टरों पर लाठीचार्ज किया गया महिला डॉक्टरों पर लाठीचार्ज किया गया जो कि शर्मसार है ।
जब मुख्यमंत्री जी स्वयं हॉस्पिटल में भर्ती होते हैं तो वे खुद सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती न होकर प्राइवेट हॉस्पिटल में जाकर इलाज करवाते हैं तब पूरे राजस्थान की जनता को शर्मसार होना पड़ता है कि क्या राजस्थान का सरकारी हॉस्पिटल तंत्र इतना कमजोर है तो किस राइट टू हेल्थ बिल की बात आप सदन में रख रहे हो ।
विधायक गोदारा ने बिल पर बोलते हुए सदन में कहा कि इस बिल में इमरजेंसी पर लिखा है तो इमरजेंसी में मरीज को प्राथमिक उपचार के लिए सबसे पहले एंबुलेंस की जरूरत पड़ती है ,परंतु हमने विधायक कोष से जो एम्बुलेंस लूणकरणसर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दी , उसका संचालन ही नहीं हो रहा है क्योंकि राजनीतिक भेद भाव के कारण मरीजों को कोई फायदा नहीं मिल पा रहा । आप राइट टू हेल्थ के बिल की बात करते हो ।
विधायक गोदारा ने सदन में बोलते हुए कहा कि जब राजस्थान के मुख्यमंत्री खुद ही बाहर इलाज करा रहे हैं तो इस बिल में जो लिखा गया है उसकी क्या बात करें ।
जिन डॉक्टरों ने कोरोना काल में जान लगाकर सेवाएं दी व कई डॉक्टरों को जान से हाथ धोना पड़ा परंतु राजस्थान के मुख्यमंत्री 20 महीने कोरोनाकाल मे सीएमआर जयपुर से बाहर ही नहीं निकले । चिकित्सा मंत्री चाहे पहले वाले हो या वर्तमान वाले बाहर ही नहीं निकले , न ही किसी जिले का दौरा किया , न ही किसी मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया कभी रेगिस्तान में बाहर निकलकर निरीक्षण करते। जिससे जनता को फायदा मिलता , आपके लिए भी बिल लाना तो फिर भी आसान है ।
विधायक गोदारा ने सदन में कहा कि चिंता का विषय है कि क्या हम डॉक्टर के पलायन को रोक पाएंगे ? क्योंकि डॉक्टरों के मन में असुरक्षा की भावना है ।
विधायक गोदारा ने कहा कि प्राइवेट हॉस्पिटल को सिर्फ प्रताड़ित करने के लिए सरकार बिल ला रही है उसकी बजाय सरकारी तंत्र को मजबूत करते तो आम आदमी को फायदा मिलता ।
विधायक गोदारा ने राइट टू हेल्थ बिल पर इमरजेंसी सेवाओं पर बोलते हुए कहां की
हमारे लूणकरणसर विधानसभा में नापासर ,लूणकरणसर ,महाजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है परंतु वहां डॉक्टर ही नहीं है तो हम कौन सी इमरजेंसी की बात करेंगे ।
बीकानेर में मेडिकल कॉलेज संभाग का सबसे बड़ा कॉलेज है परंतु वहां केवल दो न्यूरो सर्जन है पूरे संभाग के मरीज को देखते हैं सरकार को ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टरों की सीट बढ़ाएं और ट्रॉमा सेन्टर की व्यवस्थाओं को सही करें ,जिससे आम आदमी का भला हो सके।
सरकार इस तरह का बिल लेकर आई है जो कि डॉक्टरों के विरुद्ध है पहले भी कांग्रेस सरकार थी तब जोधपुर में डॉक्टरों पर लाठीचार्ज किया था । विधायक गोदारा ने बिल पर बोलते हुए कहा कि डॉक्टर सिविल कोर्ट में भी नहीं जा सकते केवल डिस्टिक हेल्थ अथॉरिटी आपने बनाया है उसमें भी केवल जिला कलेक्टर व सीईओ ये अधिकारी अधिकतर मीटिंग में नहीं जाते तो इससे आम आदमी का कहां से भला होगा ।
सरकार को चाहिए कि यह जो डॉक्टर अपनी सेवाएं दिन-रात दे रहे हैं उनको प्रोत्साहन देना चाहिए ना कि ऐसे बिल लाकर डॉक्टरों में असुरक्षा की भावना पैदा नहीं करनी चाहिए ।
विधायक गोदारा ने सदन में कहा कि मेडिकल टूरिज्म जो आगे बढ़ रहा है राजस्थान से बाहर के लोग भी तथा विदेशों से मरीज आकर इलाज करा रहे हैं कहीं इस बिल से वह भी बंद नही हो जाए ।
इस बिल से राजस्थान राज्य में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं में गिरावट आएगी तथा डॉक्टर और मरीज के बीच का जो सामजंस्य है उस में कमी आएगी, विशेषज्ञ डॉक्टर बाहर पलायन करेंगे ,जिससे आम जनता को नुकसान होगा ।
विधायक गोदारा ने कहां की हेल्थ यूनिवर्सिटी के वीसी जो 15 -20 वर्षो से एक ही है उनको भी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जिम्मेदार होना चाहिए, उन्हें राजनीतिक विचारों से ऊपर उठकर कार्य करना चाहिए । जिससे जनता को फायदा मिल सके ।
इस बिल को 6 माह के लिए जन मानस के लिए परिचालित कर दिया जाए ।