नापासर टाइम्स। रविवार 15 अक्टूबर को नवरात्रि के साथ ही आश्विन महीने का शुक्ल पक्ष शुरू हो रहा है। इस नवरात्रि में 22 अक्टूबर को महाष्टमी और 23 तारीख को महानवमी पूजा रहेगी। वहीं, 24 अक्टूबर को दशहरा रहेगा। इसके अगले दिन पापांकुशा एकादशी व्रत होगा। फिर 4 दिन बाद शरद पूर्णिमा पर्व के साथ अश्विन महीना खत्म हो जाएगा। इस तरह ये हिंदी महीने का शुक्ल पक्ष बड़े व्रत और त्योहारों वाला रहेगा।
*देवी दुर्गा की साधना के नौ दिन*
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की शुरुआत में आने वाला देवी पर्व शारदीय नवरात्रि होती है। इन दिनों में व्रत-उपवास रखने से सेहत अच्छी रहती है। ऋतु परिवर्तन होने से ये सेहत में बड़े बदलाव वाला समय होता है। इसलिए इन दिनों में शक्ति पूजा और नियम-संयम से रहने के लिए नवरात्रि आराधना करने का विधान है। इन नौ दिनों में नौ अलग-अलग देवियों का पूजन किया जाएगा।
*शरद पूर्णिमा पर खत्म होता है आश्विन मास*
इस महीने की अंतिम तिथि शरद पूर्णिमा होती है। इस बार ये पर्व 28 अक्टूबर को है। मान्यता है कि इस दिन श्रीकृष्ण गोपियों संग रास रचाते हैं। मथुरा, वृंदावन, गोकुल, गोवर्धन पर्वत क्षेत्र में ये पर्व बहुत ही बड़े स्तर पर मनाया जाता है। देश-दुनिया से काफी लोग यहां पहुंचते हैं।
*अश्विन शुक्ल पक्ष के तीज-त्योहार*
रविवार, 15 अक्टूबर से देवी दुर्गा का महापर्व नवरात्र शुरू हो रहा है। इस दिन घट स्थापना की जाएगी।
गुरुवार, 19 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा का दिन रहेगा। इस दिन उपांग ललिता व्रत किया जाएगा।
शुक्रवार, 20 अक्टूबर को देवी सरस्वती की विशेष पूजा करने का दिन है।
रविवार, 22 अक्टूबर को महाष्टमी है। इस तिथि पर देवी दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है।
सोमवार, 23 अक्टूबर को महानवमी है। इस नवरात्रि की समाप्ति होगी और देवी दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है।
मंगलवार, 24 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा। इस दिन श्रीराम के नाम का जाप करना चाहिए। मंत्र जाप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए।
बुधवार, 25 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी है। इस तिथि भगवान विष्णु के अवतारों की पूजा करनी चाहिए।
शनिवार, 28 अक्टूबर को आश्विन महीने का आखिरी दिन यानी शरद पूर्णिमा है। इसके बाद 29 अक्टूबर से कार्तिक माह शुरू हो जाएगा।