नापासर टाइम्स। राजस्थान में 93 हजार पदों पर होने वाली शिक्षक भर्ती को रद्द कर दिया गया है। सरकारी स्कूलों में खाली पदों पर गैस्ट फैकल्टी में ये शिक्षक लगाए जाने थे। माध्यमिक शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने सोमवार को गेस्ट फैकल्टी भर्ती के आदेश स्थगित कर दिए गए हैं। ऐसे में ये भर्ती फिलहाल खटाई में पड़ गई है।
दरअसल, राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी की बड़ी लापरवाही की मार 93 हजार बेरोजगार युवाओं पर भारी पड़ी है। विद्या संबल योजना में स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों की भर्ती में आरक्षण का प्रोविजन ही नहीं रखा गया। एससी-एसटी संगठनों ने CM और राज्यपाल तक शिकायत पहुंचाकर आपत्ति जताई। आरक्षण प्रावधान लागू नहीं करने पर मामला कोर्ट में जा सकता था।
हाईलेवल की फटकार के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भर्ती प्रक्रिया स्थगित करने का आदेश निकालना पड़ा। भर्ती स्थगित करने के आदेश में भी कारण नहीं बताया गया। ताकि शर्मिंदा नहीं होना पड़े।
*16 नवंबर को निकाली जानी थी फाइनल लिस्ट*
16 नवंबर को फाइनल मेरिट लिस्ट निकाली जानी थी। इसके लिए 17 अक्टूबर 2022 और 4 नवंबर 2022 को संशोधित आदेश जारी किए गए थे। अब इसको रद्द करने से बेरोजगारों को धक्का लगा हैं।
*आरक्षण प्रावधान नहीं होने के कारण भर्ती स्थगित*
सूत्रों ने बताया कि इस भर्ती में आरक्षण का प्रावधान नहीं रखने के कारण एससी-एसटी से जुड़े संगठनों ने गहलोत के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई है। इसलिए इसे स्थगित करना पड़ा है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले होने जा रही इस बड़ी भर्ती को लेकर बसपा प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने दैनिक भास्कर को बताया कि हमने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र दोनों को ज्ञापन भेजे हैं।
उन्होंने कहा- विद्या संबल योजना में सरकार ने 93 हजार पदों की भर्ती के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं किया है। हम भर्तियों के खिलाफ नहीं हैं। नौकरियां निकालने का हम स्वागत करते हैं। क्योंकि प्रदेश में बेरोजगारी बहुत ज्यादा है। एससी-एसटी के हक के हिसाब से आरक्षण का प्रावधान किया जाए।
*बैक डोर एंट्री नहीं होनी चाहिए*
भगवान सिंह बाबा बोले- अक्सर ऐसा होता रहा है कि सरकार कॉन्ट्रैक्ट, संविदा पर भर्तियां कर लेती हैं। फिर चुनाव के वक्त राजनीतिक लाभ लेने के लिए कर्मचारियों को नियमित कर देती हैं। इसलिए बैक डोर एंट्री नहीं होनी चाहिए। हमने भर्ती रोकने के लिए नहीं कहा, बल्कि आरक्षण नियमों का पालन संविधान के अनुसार करने की मांग रखी है। वैसे भी सरकारी सेवा में आरक्षण प्रावधान लागू है। जिसकी पालना करना जरूरी है। राजस्थान शिक्षक संघ अंबेडकर के अध्यक्ष वीर सिंह जाटव ने भी गहलोत से आरक्षण के नियमों का पालन करने की मांग की है।
*सरकार ने निकाली थी 93 हजार पदों पर भर्ती*
राजस्थान विद्या संबल योजना के तहत गेस्ट फैकल्टी के 93 हजार पदों भर्ती के लिए स्कूलों में 2 नवंबर से आवेदन मांगे गए थे। 7 नवंबर आवेदन फॉर्म जमा कराने की अंतिम तारीख रखी गई थी। आवेदन करने वालों की लिस्ट 9 नवंबर को जारी होनी थी। अस्थाई मेरिट लिस्ट 11 नवंबर को निकाली जानी थी। गेस्ट फैकल्टी पर आपत्ति 12 से 14 नवंबर तक ली जानी थी। आपत्तियों की जांच के बाद फाइनल मेरिट लिस्ट 16 नवंबर को जारी की जानी थी। 17 और 18 नवंबर को राजस्थान विद्या संबल योजना मेरिट लिस्ट में नाम वाले अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच और फिर 19 नवंबर को वर्क चार्ज संभालना था।
*बेरोजगार बीएड,रीट कैंडिडेट्स से मांगे थे आवेदन*
शिक्षा विभाग ने पहले इन पदों पर रिटायर्ड शिक्षकों को लगाने के आदेश निकाले थे। रिटायर्ड शिक्षकों के रूचि नहीं लेने के कारण विद्या संबल योजना नियम में बदलाव करना पड़ा। जिसके बाद बीएड और रीट पास पात्रता रखने वाले अभ्यर्थियों से 2 से 4 नवंबर तक आवेदन मांगे गए थे।
60260 पदों पर स्थाई शिक्षक भर्ती भी प्रस्तावित प्रदेश सरकार ने 60260 पदों पर स्थाई शिक्षक भर्ती भी प्रस्तावित कर रखी है।ये शिक्षक अगले सत्र से पहले नहीं मिलेंगे। इसलिए चालू सत्र में विद्या संबल योजना से काम चलाने की तैयारी थी। नियमों में बदलाव के कारण बीएड, रीट अभ्यर्थी युवाओं को रोजगार मिलने का रास्ता खुला था।
*गेस्ट फैकल्टी को 300 से 400 रुपए प्रति घंटा सैलरी*
विद्या संबल योजना में पोस्ट वाइज प्रति घंटा पैसा दिया जाना था। इसमें शिक्षक लेवल प्रथम, लेवल द्वितीय, प्रयोगशाला सहायक और शारीरिक शिक्षा शिक्षक को 300 रुपए प्रति घंटा और 21 हजार रुपए अधिकतम महीना सैलरी मिलनी थी।
टीचर को कक्षा 9 से 10 के लिए 350 रुपए प्रति घंटा और अधिकतम 25 हजार रुपए, कक्षा 11 से 12 के लिए 400 रुपए प्रति घंटा और 30 हजार रुपए अधिकतम हीना सैलरी मिलनी थी।
*स्टूडेंट्स का होगा नुकसान*
कई स्कूलों में स्टूडेंट्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि खाली पदों के कारण वहां कोर्स पूरा नहीं हो पा रहा है। प्रदेश में खाली चल रहे कुल पदों में से 13 हजार पद लेक्चरर के बताए जाते हैं। ग्रेड थर्ड टीचर्स के 49 हजार पद खाली पड़े हैं। पढ़ाई के साथ स्पोट्र्स एक्टिविटीज भी स्कूलों में बिना पीटीआई नहीं हो पा रही। क्योंकि 7 हजार पीटीआई के पद खाली है।