नापासर टाइम्स। आज फाल्गुन महीने की अमावस्या है। इस तिथि पर पितरों के लिए विशेष धूप-ध्यान करने की परंपरा है। इस तिथि को ग्रंथों में पर्व कहा गया है। अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। इस बार सोमवार होने से सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है। इसमें तीर्थ स्नान करने से पर कई गुना पुण्य फल मिलता है।
सोमवती अमवस्या पर तीर्थों में न जा पाएं तो घर पर ही पवित्र नदियों के जल की कुछ बूंदे नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद पीपल में जल चढ़ाना चाहिए और और भगवान विष्णु के साथ ही तुलसी पूजा भी करनी चाहिए।
*पीपल पूजा:*
फाल्गुन महीने की अमावस्या पर पीपल की पूजा का भी खास महत्व है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर पानी में गंगाजल, कच्चा दूध और तिल मिलाकर पीपल को चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से पितृ तृप्त हो जाते हैं। साथ ही भगवान विष्णु की कृपा मिलती है।
*तुलसी पूजा:*
अमावस्या पर दूध और पानी से भगवान शालग्राम का अभिषेक करें और पूजन सामग्री चढ़ाएं। अभिषेक किए जल में से थोड़ा सा खुद पीएं और बाकी तुलसी में चढ़ा दें। इसके बाद हल्दी, चंदन, कुमकुम, अक्षत, फूल और अन्य पूजन सामग्रियों से तुलसी माता की पूजा करनी चाहिए।
*ऐसे करें पितरों के लिए विशेष पूजा*
अमावस्या तिथि पर तर्पण करना चाहिए। इसके लिए एक लोटे में जल भरें, जल में फूल और तिल मिलाएं। इसके बाद ये जल पितरों को अर्पित करें। जल अर्पित करने के लिए जल हथेली में लेकर अंगूठे की ओर से चढ़ाएं। कंडा जलाकर उस पर गुड़-घी डालकर धूप अर्पित करें। पितरों का ध्यान करें।