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नापासर टाइम्स। कस्बे में स्टेशन रोड़ पर कैलाश चन्द्र अशोक कुमार आसोपा के वृंदावन निवास पर श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन भागवताचार्य श्रद्वेय श्री परमेश्वरलाल जी गुरुकृपा ने कहा कि इंसान को आनन्द देती है भागवत कथा,भवसागर को भावसागर में पलट देती है भागवत कथा,आयोजन करवाने वाले और सुनने वालों को पाप मुक्त करती है श्री मदभागवत कथा,उन्होंने कहा कि नापासर तो धर्मनगरी है,भक्ति भाव की नगरी है यहाँ सुबह चार बजे से ही भजन,सत्संग,आरती सुनाई देने लगते है,इस प्रेम,भाव सत्संग की नगरी को प्रणाम करता हूं,महाराज श्री ने
श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथा की महिमा
बताई, साथ ही राजा परीक्षित की कथा सुनाई। जिसे सुनकर उपस्थित श्रद्धालु खुशी से झूम उठे। श्रृंगी ऋषि पुत्र को किसी बालक ने राजा की इस करतूत को बता दिया। जिसे देखकर ऋषि के पुत्र ने श्राप दिया कि जिस किसी ने पिता के साथ ऐसी हरकत की है। उसे आज के सातवें दिन तक नाग द्वारा इस विश्व से विदाई यानी जीवन समाप्त कर दिया जाए। जब ऋषि को इस बात का पता चला, तो उन्हें बड़ा ही दुख हुआ। उन्होंने कहा तूने आवेश में ठीक नहीं किया। वह राजा बड़ा ही धर्मात्मा है। ऋषि ने ईश्वर से अपने अबोध बालक के द्वारा किए गए इस कार्य की क्षमा मांगी। बाद में राजा को भी अपने द्वारा किए गए कार्य का पश्चाताप होने लगा। जिसके बाद राजा परीक्षित को गंगा नदी में मचान बनाकर श्रीमद्भागवत का श्रवण ऋषि सुकदेव ने कराया। जिससे उनको मोक्ष की प्राप्ति हुई। कथा सुनने बड़ी संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालु उपस्थित रहे। कथा का लाइव प्रसारण shyam ranisar यू ट्यूब चेनल पर हो रहा है।