बीकानेर पश्चिम विधानसभा में मजदूरों की आवाज बनके शबनम बानौ चुनावी मैदान में

नापासर टाइम्स। बीकानेर पश्चिम विधानसभा से असंगठित मजदूर यूनीयन,राजस्थान की प्रदेशाध्यक्षा शबनम बानौ ने गरीब गुरबो व मजदूर की आवाज बनके चुनावी रणभेरी में अपनी ताल ठोकी।गौरतलब है कि शबनम बानौ ने 2018 का विधानसभा चुनाव भी बीकानेर पश्चिम विधान से लडकर मजदूरों की आवाज उठाई थी। शबनम बानौ ने बताया कि असंगठित मजदूर यूनीयन की प्रदेशाध्यक्षा होने के साथ साथ में राजस्थान निर्माण मजदूर महासंघ की प्रदेशाध्यक्षा भी हूं,महासंध की प्रदेश कार्यकारिणी के समस्त पदाधिकारी व सदस्यों की सहमति से मुझे निर्विरोध प्रत्याक्षी रूप में चुनाव मैदान में उतारा गया है।
मजदूर व 36 कौम के हितों को ध्यान में रखतें हूए संकल्प पत्र भी अतिशीघ्र चुनावी रण में महासंघ द्वारा जारी किया जायेगा।
बानौ ने बताया कि सता पक्ष के कुशासन व विपक्ष के ढुलमल रवैये से राजस्थान का मजदूर हताश और परेशान है जिसके चलते मजदूर नेता को चुनावी मैदान में जाना पड़ रहा है। अतिशीध्र बीकानेर पश्चिमी क्षेत्र का मौहल्लेंवार जन सम्पर्क अभियान रोड मेप प्रकाशित किया जायेगा जिसके तहत टीम जन जन से मिलकर वोट की मांग करेगी।
कांग्रेस राज में श्रम विभाग में ऐसे मंत्री को कार्यभार दिया गया जिसे बी ओ सी डब्लूयू बॉर्ड की चल रही योजनाओं की गिनती तक याद नहीं वो मजदूरों को भला कैसे कर सकता है।
कांग्रेस राज में योजनाओं को बंद किया गया या चलित योजनाओं पर सत्यापन और फ्रदर जांच का पहरा लगा दिया जिससे मजदूर अपने हक से वंचित रह गया।
चुनाव परिणाम कुछ भी रहे मैं हमेशा की तरह मजदूरो आवाज पुरी ताकत से महासंध के साथ उठाती रहूंगी,ये चुनाव मेरा नहीं है पूरे प्रेदेश के मजदूरों का है।
राजस्थान में पंजीकृत निर्माण मजदूरों की संख्या करोडों में है।मौजूदा सरकार व गत सरकार ने भी अपने संकल्प पत्र में कहीं मजदूर का जिक्र तक नहीं किया और न ही 2023 के विधानसभा चुनाव में पक्ष विपक्ष की पार्टिया संकल्प पत्र में मजदूरों को स्थान देते दिख रही है।
बीकानेर औद्योगिक क्षेत्र में प्रवासी मजदूरों के कारण स्थानीय मजदूरों की रोजी-रोटी पर संकट पड़ा लेकिन सरकारों की नीति मजदूरों के प्रति न होकर कारपोरेट जगत की तरफ ज्यादा है जिससे स्थानीय मजदूर अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है।
वर्तमान राज्य सरकार ने आधी अधूरी फ्री की स्कीमें चलाकर मजदूरों को ठगा है और तो और
NFSA पॉर्टल का पांच वर्षों में अधिकांश समय बंद रहना
जन आधार की K YC व अपडेशन मजदूरों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ जिसके चलते मजदूर राज्य की वेलफेयर स्कीमों से वंचित होता जा रहा है। अब झुठे वायदे करके मजदूरों को ठगने का प्रयास किया जा रहा है जो कतई भी बर्दाशत नहीं किया जायेगा।