नापासर टाइम्स। सावन महीने की दूसरी संक्रांति 17 अगस्त, गुरुवार को रहेगी। इस दिन सूर्य कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेगा और 16 सितंबर तक अपनी ही राशि में रहेगा। इससे सूर्य का प्रभाव और बढ़ेगा।
अधिक मास खत्म होने के अगले ही दिन आने वाली इस संक्रांति से शुद्ध सावन का शुक्ल पक्ष भी शुरू हो जाएगा। पंडितों का कहना है कि इस संयोग में सूर्य की ये संक्रांति शिव पूजा के लिए बहुत खास रहेगी।
*सिंह संक्रांति का रूप और फल*
संक्रांति सिंह पर सवार होकर आ रही है। संक्रांति का स्वरूप है कि वो हाथ में भुशुण्डी लिए, सफेद कपड़े पहने सोने के पात्र में अन्न खाती हुई दक्षिण दिशा की ओर जा रही है। इस संक्रांति का नाम मंद है।
इस संक्रांति का असर सीधे तौर से अनाज पर पड़ेगा। ये संक्रांति छोटे यानी निचले स्तर के काम करने वाले लोगों के लिए अच्छा फल देने वाली रहेगी। इससे चीजों के दाम न बढ़ेंगे न घटेंगे। इस संक्रांति के प्रभाव से लोगों की सेहत में सुधार होगा।
बीमारियों के संक्रमण में कमी आएगी। अंतर्राष्ट्रिय स्तर पर देशों के बीच संबंध अच्छे होंगे और अनाज का भंडार बढ़ने की संभावना है। हालांकि इस संक्रांति के प्रभाव से लोगों में डर और चिंता बढ़ सकती है।
*ऐसे करें सिंह संक्रांति में सूर्य की पूजा*
सूर्योदय से पहले उठकर नहाएं। ऊँ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करते हुए तांबे के बर्तन में पानी भरकर सूर्य को अर्घ्य दें। लाल कपड़े पहनकर पूर्व दिशा की ओर लाल चंदन, लाल फूल से पूजा करें। शाम को सूर्य पूजा कर विदाई करें। मनोकामना पूरी होने के लिए प्रार्थना करें। इससे सुख-समृद्धि, वंश वृद्धि, मान-सम्मान और पद प्रतिष्ठा बढ़ेगी।