नापासर टाइम्स। आज 11 नवंबर शुक्रवार को सौभाग्य सुंदरी व्रत है. यह व्रत मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को रखते हैं. यह व्रत अखंड सौभाग्य और सौंदर्य की प्राप्ति के लिए सुहागन महिलाएं रखती हैं. यह व्रत तीज के समान ही महत्वपूर्ण होता है. आज के दिन माता पार्वती और शिव जी की पूजा विधि विधान से करते हैं. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं सौभाग्य सुंदरी व्रत के पूजा मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में.
*सौभाग्य सुंदरी व्रत 2022 मुहूर्त*
मार्गशीर्ष कृष्ण तृतीया तिथि का प्रारंभ: 10 नवंबर, गुरुवार, शाम 06 बजकर 32 मिनट से
मार्गशीर्ष कृष्ण तृतीया तिथि का समापन: 11 नवंबर, शुक्रवार, रात 08 बजकर 17 मिनट पर
पूजा का शुभ समय:
सुबह 08:01 बजे से सुबह 10:44 बजे तक
रात्रि में पूजा मुहूर्त: 08:47 बजे से 10:26 बजे तक
शिव योग: आज सुबह से लेकर रात 09:30 बजे तक
सिद्ध योग: आज रात 09:30 बजे से कल तक
*सौभाग्य सुंदरी व्रत और पूजा विधि*
1. आज प्रात: स्नान आदि के बाद सौभाग्य सुंदरी व्रत और पूजा का संकल्प करें.
2. अब आप पूजा के शुभ मुहूर्त में भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर को चौकी पर स्थापित कर दें.
3. अब आप सबसे पहले गणेश जी को फूल, अक्षत्, दूर्वा, कुमकुम, पान का पत्ता, सुपारी, मोदक, धूप, दीप आदि अर्पित करें. गणेश जी प्रथम पूज्यनीय हैं, इसलिए उनकी पहले पूजा करते हैं.
4. अब आप भगवान शिव को बेलपत्र, अक्षत्, भांग, धतूरा, फूल, शहद, गंगाजल आदि अर्पित करके पूजा करें.
5. इसके बाता माता पार्वती की पूजा करें. उनको सिंदूर, लाल फूल, फल, अक्षत्, कुमकुम, नैवेद्य, लाल साड़ी, एक चुनरी, मेहदी, महावर, श्रृंगार की सामाग्री, सुहाग का सामान, मिठाई आदि अर्पित करें.
6. इसके बाद माता पार्वती का चालीसा और सौभाग्य सुंदरी व्रत कथा का पाठ करें. फिर घी के दीपक से गणेश जी, भगवान शिव ओर माता पार्वती की आरती करें.
7. पूजा के अंत में माता पार्वती से अखंड सौभाग्य और सौंदर्य का आशीर्वाद वरदान स्वरूप मांग लें. उनकी कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी.