राम उपासक जे जग माही। एही सम प्रिय तिन्ह के कछु नाहीं,नापासर में सेवाराम जी महाराज की तपोभूमि पर श्रीरामचरितमानस नवाह्न पारायण पाठ प्रारम्भ

नापासर टाइम्स। कस्बे में पुरुषोत्तम मास के अवसर पर देशनोक रोड़ के पास रामसर बाइपास रोड़ पर स्थित संत श्री सेवाराम जी महाराज की तपोभूमि पर मंगलवार से श्री रामचरितमानस नवाह्न पारायण पाठ का शुभारंभ हुआ,सींथल पीठाचार्य श्री श्री 1008 महंत श्री क्षमाराम जी महाराज के श्रीमुख से नवाह्न पाठ में पहले दिन श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ी,नापासर, सींथल,बीकानेर सहित आसपास के गाँवो से श्रद्धालु पाठ करने पहुंचे। विशाल पांडाल में श्रद्धालुओं के लिए हवा पानी की विशेष व्यवस्था की गई है, प्रथम दिन नवाह्न पारायण पाठ से पहले आचार्य राहुल के सानिध्य में वैदिक मंत्रोच्चार से भगवान राम,देवी सीता,भगवान हनुमान,भगवान गणेश, भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की गई,उसके बाद श्री रामचरितमानस नवाह्न पारायण पाठ प्रारम्भ हुए,पहले दिन क्षमाराम जी महाराज ने श्री रामचरितमानस का महतव्य बताते हुए कहा कि “राम उपासक जे जग माही । एही सम प्रिय तिन्ह के कछु नाहीं।”अर्थात् जगत में जितने भी रामजी के उपासक है, उनको तो इस रामायण के समान कुछ भी प्रिय नहीं है।रामचरितमानस तुलसीदासजी का सुदृढ़ कीर्ति स्तम्भ है जिसके कारण वे संसार में श्रेष्ठ कवि के रूप में जाने जाते हैं। मानस का कथाशिल्प, काव्यरूप, अलंकार संयोजना, छंद नियोजना और उसका प्रयोगात्मक सौंदर्य, लोक-संस्कृति तथा जीवन-मूल्यों का मनोवैज्ञानिक पक्ष अपने श्रेष्ठतम रूप में है। कस्बे में अधिकमास पर नवाह संकीर्तन से माहौल भक्तिमय बन गया है। आयोजक समिति के दामोदर प्रसाद झंवर ने बताया कि पाठ 16 अगस्त तक चलेंगे,पाठ का समय साढ़े ग्यारह बजे से शाम को पांच बजे के लगभग रहेगा,पाठ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सींथल रामद्वारा,बीकानेर में आनन्द आश्रम रानीबाजार व कोठारी हॉस्पिटल वाली गली से बसों की निशुल्क व्यवस्था की गई है।