

नापासर टाइम्स। भाई-बहन के अटूट रिश्ते के पर्व रक्षाबंधन पर इस बार 90 साल बाद बेहद दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग रहेगा। इस बार सबसे बड़ी बात यह है कि रक्षाबंधन के दिन किसी भी तरह का भद्रा का साया नहीं रहेगा। इसक साथ राखी के दिन कई तरह के दुर्लभ संयोग बन रहे हैं।
ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा का कहना है कि ग्रह चाल के लिहाज से बुध ग्रह के उदय होने, बुध और सूर्य के मिलने से इसबार बुधादित्य योग बन रहा है। इसके अलावा रक्षाबंधन 2025 के दिन सौभाग्य, सर्वार्थ सिद्धि योग और श्रवण नक्षत्र तीनों एक साथ आएंगे। इस बार न तो भद्रा का साया रहेगा और न ही ग्रहण जैसी कोई बाधा होगी। बहनें दिनभर भाइयों को राखी बांध सकेंगी।
*प्रदोष काल में राखी बांधना सर्वश्रेष्ठ*
वहीं ज्योतिषाचार्य पं. पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि इस साल रक्षाबंधन 2025 के दिन विभिन्न ग्रहों के संयोग और योग पर्व की महत्ता को शुभता प्रदान करेंगे। रक्षाबंधन 2025 के दिन प्रदोष काल के समय शाम 7.05 बजे से 9.16 बजे तक राखी बांधना सर्वश्रेष्ठ रहेगा। इससे पहले दोपहर 1.51 से शाम 4.28 बजे तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है। फिलहाल, इस साल रक्षाबंधन के दिन किसी भी तरह के अशुभ मुहूर्त नहीं हैं, ऐसे में पूरे दिन राखी बांधी जा सकती है।
*रक्षाबंधन पर राहुकाल कब से कब तक रहेगा ?*
रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त के बीच में कुछ समय के लिए राहुकाल ग्रहण लगाएगा। 9 अगस्त को राहुकाल सुबह 09:07 से 10:47 बजे तक रहेगा। ऐसे में बहनें इस समय पर राखी बांधने से बचें।
*राखी बांधने के शुभ मुहूर्त*
सुबह 7.30 से 9.00 बजे तक
दोपहर 1.30 बजे से 4.30 बजे तक
शाम 6.00 बजे से 7.30 बजे तक
*राखी बांधने से पहले क्या करना चाहिए?*
राखी बांधने से पहले पूजा थाली तैयार करें जिसमें राखी, अक्षत, रोली, मिठाई और दीपक जरूर रखें।
इसके बाद इस थाली को सबसे पहले भगवान को अर्पित करें और विधि विधान पूजा करें।
थाली में से पहली राखी भगवान गणेश को अर्पित करें। फिर भगवान शिव, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं को राखी अर्पित करें।
फिर एक स्वच्छ स्थान पर भाई को पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बिठाएं।
बहन भाई किसी कपड़े से अपना सिर जरूर ढकें।
सबसे पहले भाई के माथे पर तिलक और थोड़े अक्षत लगाएं।
फिर शुभ मुहूर्त में बहनों को भाई की कलाई पर राखी बांधनी चाहिए। बता दें राखी बांधते वक्त तीन गांठ लगाना शुभ माना जाता है।
भाई इस बात ध्यान रखें कि राखी बंधवाते समय आपके हाथ में दक्षिणा या फिर चावल जरूर होने चाहिए। इनमें से किसी भी चीज को हाथ में लेकर मुट्ठी बांध लें और फिर इसके बाद ही बहन से राखी बंधवाएं।
इसके बाद बहनें अपने भाइयों की आरती करें और उनके खुशहाल जीवन की ईश्वर से कामना करें।
राखी बांधने के बाद भाई का मिठाई से मुंह मीठा करें।
इसके बाद भाई बहन को उपहार दें।
इस दिन जरूरतमंदों को दान भी जरूर देना चाहिए।
*लाल या पीली कौन से धागे वाली राखी खरीदें ?*
सनातन धर्म में लाल और पीला दोनों ही रंग बेहद शुभ माने जाते हैं। जहां लाल रंग प्रेम, ऊर्जा और सौभाग्य का प्रतीक है तो वहीं पीला रंग खुशी, समृद्धि और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में भाई को लाल या पीले किसी भी रंग के धागे की राखी बांधी जा सकती है। राखी के धागे के ये दोनों ही रंग भाई-बहन के रिश्ते को ओर भी ज्यादा मजबूत कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र अनुसार इन दोनों ही रंगों का अपना विशेष महत्व होता है अगर आपका भाई बहुत ऊर्जावान और उत्साही है, तो आप उन्हें लाल धागे वाली राखी बांध सकती हैं। वहीं अगर भाई शांत और संयमित स्वभाव का है तो आप उनके लिए पीले रंग के धागे वाली राखी चुन सकती हैं।
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