गर्व की राखी: बीकानेर की हृदयांशी ने प्रधानमंत्री मोदी को बांधी राखी, खूब बतियाई

नापासर टाइम्स। नन्ही-सी हृदयांशी को जब इस बात का पक्का भरोसा हो गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के घर जाकर उन्हें राखी बांधने वाले बच्चों की लिस्ट में उसका नाम है, तब जाकर उसे संतुष्टि तो हुई ही वह तैयारियों में भी लग गई। काफी सोच-विचार के बाद मोदीजी के लिए एक तोहफा तैयार किया और वह थी एक तस्वीर। बुधवार को बाकी बच्चों के साथ ही वह प्रधानमंत्री निवास पहुंची। पूरी प्रक्रिया होने के बाद ज्योंहि मोदीजी के सामने पहुंची, राखीके साथ एक उलाहना थमा दिया-मैं आपके लिए एक तस्वीर लाई थी लेकिन बाहर गार्ड्स ने रख ली। मोदी हंसकर बोले-कोई बात नहीं, मैं खुद वहां जाकर गार्ड्स से ले लूंगा।

मौका था राखी के दिन प्रधानमंत्री मोदी का बच्चों के साथ मिलकर रक्षाबंधन मनाने का। इसी कड़ी में बीकानेर के अंकुर कौशिक और वत्सला पांडे की नन्हीं-मुन्नी बेटी हृदयांशी का नाम शामिल था। रिश्ते में हृदयांशी के नाना डा.शशिकांत कहते हैं, वो बातूनी और हंसमुख है। बातों-बातों में जब मोदीजी ने पूछा कि आपकी भाई-बहिनों से लड़ाई होती है कभी? तो हृदयांशी तपाक से बोल उठी, कजिन से लड़ाई होती है लेकिन मैं उससे डरती नहीं। शक्तिशाली हूं।

हृदयांशी की इस मीठी बात और प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के किस्से बुधवार को लक्ष्मीनाथ मंदिर के पास उनके नाना स्व.राजकुमार गौड और धोबीधोरा पर दादा देवकीनंदन शर्मा के घर खूब खुशी और गर्व के साथ सुनाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों से चंद्रयान-3 की बातें की

आदित्य यान की योजना बताई :

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 7 लोक कल्याण मार्ग पर बच्चों के साथ रक्षाबंधन मनाया। बच्चों ने प्रधानमंत्री को राखी बांधी। प्रधानमंत्री ने उनसे कई मुद्दों पर बातचीत की। बच्चों ने चंद्रयान.3 मिशन की हाल की सफलता पर अपनी सकारात्मक भावनाएं साझा की और आगामी आदित्य एल-1 मिशन के प्रति अपना उत्साह व्यक्त किया। बातचीत के दौरान बच्चों ने कविताएं भी सुनाईं और गाने भी गाए।

प्रधानमंत्री ने उनकी अभिव्यक्ति से प्रभावित होकर उन्हें जनता के लाभ के लिए सरकारी योजनाओं सहित विभिन्न विषयों पर कविताएँ लिखने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भरता का महत्व समझाते हुए बच्चों को मेड इन इंडिया उत्पाद इस्तेमाल करने की सलाह भी दी। विभिन्न विद्यार्थियों ने अपने शिक्षकों के साथ त्योहार में भाग लिया। इस अवसर पर गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, वृन्दावन की विधवाएँ तथा अन्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।