नापासर टाइम्स। राजस्थान में अगस्त के महीने में सूखे जैसी बन रही स्थिति पर फिलहाल अब विराम लग गया। पूर्वी राजस्थान के साथ पश्चिमी राजस्थान के जिलों में हो रही अच्छी बारिश से किसानों के लिए राहत मिली है। पश्चिमी राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से फसलों के सूखने का खतरा बना हुआ था।
इस बीच, रविवार देर शाम नागौर, जैसलमेर, जोधपुर, पाली समेत कई जिलों में अच्छी बारिश हुई, जिससे इन जिलों में खड़ी खरीफ की फसलों को फायदा हुआ।
पिछले 24 घंटे की रिपोर्ट देखें तो बांसवाड़ा के बागीडोरा में सबसे ज्यादा 156MM (6 इंच) बारिश दर्ज की गई। जिले के गढ़ी, सज्जनगढ़, सलोपत, दानपुर एरिया में भी 2 से लेकर 5 इंच तक बरसात हुई। बांसवाड़ा में इस मानसून सीजन की एक दिन में यह सबसे ज्यादा बारिश है।
इसी तरह नागौर जिले के मकराना एरिया में 110MM (4 इंच से ज्यादा) बरसात हुई। यहां सड़कों पर नदी की तरह पानी बहता दिखा। नागौर के साथ राजसमंद के देलवाड़ा में भी 102MM बारिश हुई। पश्चिमी राजस्थान के गंगानगर, जोधपुर, पाली, जैसलमेर, हनुमानगढ़ और कार में भी कई जगह हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिली।
इधर पूर्वी राजस्थान के झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़, टोंक, उदयपुर, जयपुर, डूंगरपुर, दौसा, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, भरतपुर और अजमेर जिलों में कहीं स्थानों पर 1 से लेकर 48MM तक बरसात दर्ज हुई।
मौसम केंद्र जयपुर से जारी फोरकास्ट के मुताबिक राज्य में आज अलवर, बारां, भरतपुर, दौसा, धौलपुर, झालावाड़, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाई माधोपुर और टोंक समेत अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है।
बारिश से किसाना का राहत राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों में पिछले 15 दिन से सूखे जैसी स्थिति बनी हुई थी। इस कारण पश्चिमी राजस्थान के 9 जिलों जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, पाली, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर, नागौर और चूरू में 93 लाख हेक्टेयर में खड़ी खरीफ की फसल के खराब होने की आशंका बढ़ गई थी।
कृषि विशेषज्ञों ने पिछले दिनों अलर्ट जारी करते हुए यहां के किसानों को जल्द सिंचाई की व्यवस्था करने का सुझाव दिया था। अब बारिश होने से यहां किसानों को फायदा मिला है। यहां अधिकांश जगहों पर फसलें पूरी तरह बारिश पर ही निर्भर हैं।
इसलिए हुई बारिश
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बना लो-प्रेशर सिस्टम जो अभी छत्तीसगढ़ पर एक्टिव है, उससे मध्य भारत के राज्यों में नमी बढ़ी है। मानसून ट्रफ लाइन वर्तमान में गंगानगर, नारनौल, ग्वालियर होते हुए छत्तीसगढ़ होकर बंगाल की खाड़ी तक गुजर रही है।
सेंट्रल पाकिस्तान के ऊपर भी एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। इन तीनों सिस्टम के कारण राजस्थान के पूर्वी हिस्सों के साथ-साथ पश्चिमी हिस्सों में भी बारिश की गतिविधियां शुरू हुई है।