नापासर टाइम्स। भगवान भी भक्त की भक्ति के आगे झुक जाता है। इसका उदाहरण हैं 73 साल के सखाराम। सखाराम अपने आराध्यदेव बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन करने के लिए ट्राई साइकिल के साथ घुटनों के बल चलकर पहुंचे है। उन्होंने ट्राई साइकिल में बाबा रामदेवजी का मंदिर और कपड़े का घोड़ा बनाया हुआ है। ट्राई साइकिल के पीछे छोटी रस्सी बांधी हुई है। उस रस्सी को भक्त सुखाराम ने अपने गले में डाल रखा है।
सखाराम बाड़मेर के बालोतरा के असाड़ा गांव के रहने वाले हैं। 73 साल के सखाराम दो महीने में 213 किलोमीटर का सफर घुटनों के बल तय कर बाबा रामदेवजी की समाधि के दर्शन करने के लिए रामदेवरा पहुंचे हैं। सखाराम घुटने के बदल रोजाना 3 किमी चलते थे।
सखाराम पिछले 12 साल से रामदेवरा आ रहे हैं। इस बार वे देश शांति और खुशहाली की कामना को लेकर यहां पहुंचे हैं। वे अब तक पैदल, दंडवत और नाक-निवान यात्रा कर चुके हैं। घुटनों के बल चलकर सखाराम ने ट्राई साइकिल के साथ ये दूसरी यात्रा की है।
*बाबा रामदेव जी की भक्ति ही देती है ताकत*
तेज चिलचिलाती धूप और तांबे से भी तेज तपन पैदा करने वाली डामर की सड़कों पर पैदल चलना भी मुश्किल होता है। वहां, सखाराम ने घुटनों के बल चलकर ये यात्रा की है। यात्रा को लेकर सखराम ने कहा कि मेरा शरीर भले ही बूढ़ा हो गया हो, लेकिन बाबा रामदेवजी उसे शक्ति प्रदान करते हैं। जिसके बलबूते वो इस कठिन यात्रा को आसानी से पूरा कर लेते हैं।