
नापासर टाइम्स। राम रूठा तो रूठा राज भी रूठा,वर्तमान में सिंचित खेती के साथ साथ बारानी फसलों पर संकट के बादल छाए हुए नजर आ रहे हैं। एक तरफ सिंचित खेती करने वाले किसान बिजली की कमी मार झेल रहे हैं तो दूसरी तरफ बारिश की बेरुखी के चलते बारानी खेती भी सूखने लगी है। किसानों ने बताया कि राम और राज दोनो रूठ गए हैं। एक और बरसात ने हाथ खींच लिए तो दूसरी ओर बिजली की भारी कमी से फसलें जलने लगी है। बिजली की भारी कटौती के चलते मूंगफली की फसल को बचा पाना किसानों के लिए टेढ़ी खीर बन गया है। किसान आए दिन बिजली के लिए संघर्ष करते हुए बिजली की मांग कर रहे हैं लेकिन पूरी बिजली के अभाव मे फसलें दम तोड़ रही है। अन्नदाता दिन रात बिजली के लिए भाग दौड़ कर रहे हैं लेकिन पूरी बिजली नही मिलने से अभाव मे फसलें दम तोड़ रही है। अन्नदाता दिन रात बिजली के लिए भाग दौड़ कर रहे हैं लेकिन पूरी बिजली नही मिलने से निराश होकर राज को कोसते नजर आ रहे हैं। किसानों ने बताया कि पूरी बिजली तो दूर आधी अधूरी मिलने वाली बिजली भी बार बार ट्रिपिंग तथा कम वोल्टेज के कारण मोटरे जलने से किसानों को मानसिक परेशानी के साथ साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। सूखने लगी बारानी खेती – बारिश की बेरुखी के चलते बारानी खेती करने वाले किसान भी मायूस नजर आ रहे हैं। किसानों ने कहा कि पहले गोजा लट की मार से पहले से ही फसलें कमजोर थी और अब बरसात की बेरुखी के चलते खेती सूखने के कगार पर आ चुकी है। बरसात की कमी से फसलें जलनी शुरू हो गई। किसानों की माने तो अगर तीन चार दिनों में बरसात नही हुई तो मोठ की फसल बिल्कुल खराब हो जायेगी। साथ ही बाजरे सहित मूंग, ग्वार, तिल, की फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। किसानों ने बताया कि महंगे दामों में बीज बुवाई करवाकर अच्छे जमाने की आस में अरमान पूरे करने के सपने संजोए थे लेकिन ऊपर वाला रूठ गया है। समय पर बरसात नही होने के कारण फसलें दिनों दिन सूखती जा रही है। हालांकि मौसम विभाग की ओर से किसानों के लिए अच्छा संकेत मिला है कि जल्द ही मानसून लौट कर आएगा और जमकर पानी बरसायेगा। किसान भगवान से प्रार्थना करते हुए जल्द से जल्द बरसात की कामना कर रहे हैं।