देवीसिंह भाटी से बोले पीएम मोदी- अच्छा हुआ मैं टोकता उससे पहले आप घर लौट आए,जोधपुर एयरपोर्ट पर मोदी का स्वागत किया भाटी ने, 40 सैकंड की मुलाकात गर्मजोशी भरी रही

नापासर टाइम्स। बीते सप्ताह भाजपा में शामिल हुए देवीसिंह भाटी गुरूवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जोधपुर यात्रा के दौरान अगवानी करने एयरपोर्ट पहुंचे। इसके लिए बाकायदा पीएमओ से उनके नाम का संदेश भी आया। मोदी ने यहां भाटी के साथ आत्मीय मुलाकात की। समर्थकों का दावा है, लगभग 40 सैकंड की मीटिंग में मोदी ने भाटी का हाथ पकड़कर कहा, मैं आपको टोकने वाला था। अच्छा हुआ उससे पहले ही आप फिर से भाजपा परिवार में लौट आये। समर्थक भाटी-मोदी की इस संक्षिप्त मुलाकात से खासे उत्साहित और खुश हैं। सोशल मीडिया पर यह दो लाइन का संदेश जी-भर प्रचारित-प्रसारित कर रहे हैं।

 

क्या भाटी ने 10 साल पुरानी भूल सुधारी :

2013 का विधानसभा चुनाव। बीकानेर के करणीसिंह स्टेडियम में 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आमसभा। जिले के सभी विधानसभा प्रत्याशियों को सभा में बुलाया गया ताकि मोदी उनके नाम लेकर जनता के सामने उनके पक्ष में वोट की अपील कर सके। बाकी उम्मीदवार आ गए लेकिन कोलायत से देवीसिंह भाटी नहीं आये। संचालन कर रहे आर.के.सुतार ने कहा, वे गांवों में दौरे पर हैं। अचानक तबीयत खराब होने से आ नहीं पाये। उनकी जगह प्रतिनिधि के तौर पर पूर्व शहर भाजपा अध्यक्ष रामकिसन आचार्य पहुंचे हैं। वास्तविकता क्या थी यह भाटी जाने लेकिन जिलेभर में संदेश गया, भाटी आना नहीं चाहते। उन्हें लगता है कि अपने बूते चुनाव जीतता हूं।

लगातार दो चुनाव में नतीजे रहे प्रतिकूल :

लगातार सात बार चुनाव जीतने वाले भाटी पहली बार 2013 का चुनाव भंवरसिंह भाटी से 1134 वोटों से हार गए। पूरे राजस्थान में यह चौंकाने वाला नतीजा था। जीत-हार का इतना छोटा अंतर हैरान करने वाला था। अगला यानी 2018 का चुनाव भाटी नहीं लड़े, पुत्रवधू पुनम कंवर को कमल के निशान पर लड़ाया। देवीसिंह के लिए नतीजे ज्यादा परेशानीदायी रहे। हार के साथ ही अंतर 1100 से बढ़कर 11 हजार को पार कर गया। भाटी ने पार्टी भी छोड़ दी।

अब मोदी का जी-भर गुणगान :

हालांकि बीते सप्ताह ही भाटी वापस भाजपा में शामिल हुए हैं लेकिन लंबे समय से मोदी का गुणगाान जी-भर कर रहे हैं। जो भाटी अपने चुनाव के दौरान मोदी की सभा में बीकानेर नहीं आए वे इस बार स्वागत करने जोधपुर गए। ऐसे में  देखना यह है कि इस भूलसुधार के जरिये भाटी चुनावी राजनीति में फिर से जीत का स्वाद चख पाते हैं या नही। देखना यह भी है कि वापसी के बाद भी जो स्थानीय भाजपा अब तक भाटी से दूरी बनाकर रखे हुए हैं उस पर भाटी-मोदी मुलाकात का कितना असर होता है।