खेलण दो दिन चार,भंवर म्हाने पूजन दो गणगौर……सामूहिक बनोरा निकाला,नापासर में गणगौर पूजन में उत्साह*

नापासर टाइम्स। कस्बे में बालिकाओं व महिलाओ द्वारा गणगौर पूजन आस्था व हर्षोल्लास से किया जा रहा है,गणगौर का बनोरा निकाला जा रहा है,लड़कियों द्वारा एक जैसी वेशभूषा पहनकर घर घर ढोल नगाड़ों पर बनोरा निकाला जा रहा है,बुधवार शाम को देशनोक रोड़ पर बसन्त विहार कॉलोनी में सामूहिक बनोरा निकाला गया,जिसमे निधु, नेहा, मोहिता, कीर्ति,प्रेरणा, पूजा,गुंजन,परी,राजल कंवर,देवयानी,निधि,अनुराधा पारीक आदि ने भाग लिया,नृत्य किया,गणगौर के मधुर गीत गाये,
कुँवारी युवतियों द्वारा मनवांछित वर की आस में गणगौर माता की 16 दिनों तक बड़े तन्मयता और उल्लास के साथ पूजा आराधना की जाती है। परंपरागत तरीके से युवतियां होलिका दहन के दूसरे दिन सुबह से ही राजस्थान में होने वाले फौग के फुलड़े लाकर गौरमाता की पूजा करती है। इस दौरान युवतियां गौर ए गणगौर माता खोल ए किवाड़ी जैसे गीतों को समूहबद्ध तरीके से गाकर माता को प्रसन्न करती है। कस्बे सहित पूरे क्षेत्र में गणगौर की पूजा बड़ी धूमधाम से की जाती है। कस्बे की युवती अनु सैन ने बताया कि हम सभी मोहल्ले की लड़कियां एक घर में गौरमाता और ईशर की पूजा करती है। सुबह और शाम दोनों वक्त पूजा करने के साथ उन्हें मिठाई, चॉकलेट या घर पर बनी कोई मीठी वस्तु का भोग लगाकर गीत गाती हैं। इस दौरान जिनका विवाह पिछले वर्ष में हो गया था उनका अजुणा भी करते हैं। माता गणगौर को फुलड़ों से पारंपरिक रूप से पूजा जाता है। यह मान्यता है कि गणगौर की पूजा से मनवांछित वर की प्राप्ति होती है।