बीकानेर में पेट्रोल पंप पूरी तरह बंद: दो दिन तक सुबह-शाम मिल रहा था पेट्रोल,आज सुबह छह बजे से अनिश्चितकालीन बंद

नापासर टाइम्स। पेट्रोलियम डीलर्स और राज्य सरकार के बीच समझौता नहीं होने से नाराज पेट्रोल पंप संचालकों ने शुक्रवार सुबह छह बजे से अनिश्चितकालीन बंद कर दिया है। हड़ताल के चलते अब रिलायंस के अलावा सभी पेट्रोल पंप बंद है। बीकानेर में करीब 225 पेट्रोल पंप है, जिनमें से अधिकांश बिक्री बंद हो गई है। ऐसे में आम आदमी

के साथ सरकारी मशीनरी को भी परेशानी हो रही है।

बीकानेर पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने प्रदेश स्तरीय संगठन के निर्देश पर ये निर्णय किया है। एसोसिएशन ने दो दिन पहले ही सभी पंपों पर पोस्टर लगा दिए थे कि 13 व 14 सितम्बर को सांकेतिक बंद रहेगा लेकिन इसके बाद 15 सितम्बर से अनिश्चितकालीन बंद कर दिया जाएगा। इस बीच सरकार और पेट्रोलियम एसोसिएशन के बीच कोई सफल वार्ता नहीं हो सकी। ऐसे में पेट्रोल पंप संचालकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी। अब बीकानेर के सभी सवा दो सौ पेट्रोल पंप बंद है। इक्का-दुक्का रिलायंस पेट्रोल पंप शुरू है, जहां पर वाहनों की लंबी कतारें देखी जा सकती है।

बीकानेर में अधिकांश पेट्रोल पंप रात में बंद हो जाते हैं और सुबह वापस शुरू होते हैं। सिर्फ नेशनल हाइवे पर स्थित कुछ पेट्रोल पंप ही चौबीस घंटे खुले रहते हैं। ऐसे में अधिकांश पेट्रोल पंप गुरुवार रात ही बंद हो गए। शनिवार सुबह इन पंपों पर लोग पहुंचे तो निराश ही लौटना पड़ा। एसोसिएशन ने ये स्पष्ट नहीं किया है कि इमरजेंसी सर्विस पर भी पेट्रोल-डीजल मिलेगा या नहीं ? बड़ी संख्या में बीकानेर से बीमारों को एम्बुलेंस से जयपुर और जोधपुर ले जाया जाता है। ऐसे में एम्बुलेंस को

डीजल-पेट्रोल मिलने पर भी संकट है।

नहीं मान रहे आग्रह

पेट्रोल पंप संचालकों से बार-बार आग्रह करके लोग थोड़ा पेट्रोल-डीजल देने के लिए कह रहे हैं लेकिन वो नहीं मान रहे । अत्यावश्यक कार्य होने पर भी लोगों को पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जा रहा है, जिससे आम आदमी परेशान है।

ये है पेट्रोल पंप संचालकों की मांग

दरअसल, राजस्थान में वेट अन्य राज्यों से ज्यादा है। ऐसे में बीकानेर सहित प्रदेशभर में अन्य राज्यों की तुलना में पेट्रोल-डीजल 11 से 15 रुपए तक महंगा मिल रहा है। इसी कारण बड़ी संख्या में सीमावर्ती जिलों के पेट्रोल पंप संचालक परेशान है। वेट कम करवाने की मांग को लेकर पेट्रोल पंप संचालक हड़ताल पर गए हैं। हालांकि बढ़ी हुई रेट से आम आदमी को ज्यादा आर्थिक नुकसान है।