Parivartini Ekadashi 2023: परिवर्तिनी एकादशी आज, जानें मुहूर्त, पूजन विधि और विशेष उपाय

नापासर टाइम्स। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है. इसे पद्मा एकादशी और जयंती एकादशी भी कहा जाता है. इस एकादशी का व्रत करने से जाने अनजाने किए गए सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. भौतिक सम्पन्नता और परलोक में मुक्ति की प्राप्ति होती है. इस समय गणेश महोत्सव भी चल रहा होता है, इसलिए यह व्रत गणेश जी और श्री हरि दोनों की कृपा दिलवा देता है. इस एकादशी को भगवान विष्णु के वामन स्वरूप की उपासना की जाती है. संतान सुख या धन की प्राप्ति के लिए यह व्रत अत्यंत कल्याणकारी है.

*परिवर्तिनी एकादशी तिथि और मुहूर्त*

भाद्रपद शुक्ल परिवर्तिनी एकादशी तिथि 25 सितंबर को सुबह 07 बजकर 55 मिनट पर प्रारंभ होगी और इसकी समापन 26 सितंबर को सुबह 05 बजकर 12 मिनट पर होगा. उदिया तिथि के चलते परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 25 सितंबर को ही रखा जाएगा. इस दिन श्री हरि की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 09.12 बजे से सुबह 10.42 बजे तक रहेगा.

*क्या है इस व्रत की विधि ?*

परिवर्तिनी एकादशी पर प्रातःकाल स्नान करके सूर्य देवता को जल अर्पित करें. इसके बाद पीले वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु और गणेश जी की पूजा करें. श्री हरि को पीले फूल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें. गणेश जी को मोदक और दूर्वा अर्पित करें. पहले गणेश जी और फिर श्री हरि के मंत्रों का जाप करें. इसके बाद किसी निर्धन व्यक्ति को जल, अन्न-वस्त्र, या छाते का दान करें. इस दिन अन्न का सेवन बिल्कुल न करें. जलाहार या फलाहार ही ग्रहण करें.

*परिवर्तिनी एकादशी के विशेष उपाय*
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*1. संतान प्राप्ति के लिए*

भगवान गणेश को अपनी उम्र के बराबर मोदक अर्पित करें. संतान गणपति स्तोत्र का पाठ करें या “ॐ उमापुत्राय नमः” का जप करें.

*2. आर्थिक लाभ के लिए*

भगवान गणेश को एक मिटटी या धातु का चूहा अर्पित करें. इसके बाद उन्हें पीले फूल और पीला प्रसाद अर्पित करें. “ॐ श्रीं सौम्याय सौभाग्याय गं गणपतये नमः” का 108 बार जप करें. चूहे को अपने धन स्थान पर रखें.

*3. सुख समद्धि के लिए उपाय*

प्रातःकाल भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें. घर से निकलते समय उसमें से एक फूल अपने पास रख लें. दिन भर के कार्यों में सफलता मिलेगी.