सुजानगढ़ जिला घोषित नहीं होने पर आक्रोश जारी: 24 घंटे से पूरा शहर बंद, जगह-जगह धरना प्रदर्शन; NH-58 और मेगा हाईवे जाम

नापासर टाइम्स। चूरू जिले के सुजानगढ़ को जिला बनाने की मांग लंबे समय से चल रही थी, लेकिन 17 मार्च को जब सीएम अशोक गहलोत ने 19 जिलों की घोषणा की तो उसमें सुजानगढ़ का नाम नहीं था। ऐसा लगा कि सालों से सुजानगढ़ के लोग जिस दिन का इंतजार कर रहे थे वो दिन तो आया, लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा। ऐसे में पूरी विधानसभा में रोष फैल गया। शनिवार सुबह सुजानगढ के लोग, राजनीतिक दल और सामाजिक सुजानगढ़ के लोग, राजनीतिक दल और सामाजिक संस्थाएं सड़कों पर आ गई। विरोध में बाजार बंद करवा दिए गए। हाईवे नंबर 58 ( फतेहपुर सीकर से पालमपुर, गुजरात तक ) पर टैंट तान दिए गए।

रविवार को भी पूरा सुजानगढ़ बंद है। प्रदर्शनकारियों ने अनिश्चितकाल तक बाजार बंद रखने की अपील की है। जनहित संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर सैकड़ों लोग ने गांधी चौक पहुंचकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। जगह-जगह युवाओं की टोलियां शहर के चौराहों पर सरकार के खिलाफ नारे लगाते नजर आ रहे है,लोग सुजानगढ़ विधायक से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

उपसभापति समेत सभी पार्षदों ने अपने पदों स इस्तीफा दे दिया है। हमें सीएम से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन सुजानगढ़ को जिला घोषित नहीं करने पर हमें काफी ठेस पहुंची है।

मैं कोई भी कदम उठाने को तैयार हूं: विधायक विधायक मनोज मेघवाल ने कहा कि अगर हमारी बात नहीं मानी जाती तो इसके मुझे कोई भी कदम उठाने पड़े मैं तैयार रहूंगा। मैं सुजानगढ के बुजुर्गों, युवाओं, महिलाओं, नौजवान साथियों, कार्यकर्ताओं सहित आम-जन की भावनाओं के साथ हूं और भरोसा दिलाता हूं कि मेरे लिए सुजानगढ़ और उसकी जनता सबसे पहले है।

हाईवे पर 10 किलोमीटर लंबा जाम हाईवे-58 पर दोनों तरफ करीब 10 किलोमीटर लंबा जाम लगा है। इसके अलावा सालासर और सुजानगढ़ जाने वाले रास्ते बंद कर दिए हैं। चक्का जाम से सालासर बालाजी आने वाले हजारों यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। वहीं, चूरू, सीकर से नोखा, नागौर, कार की तरफ जाने वाले रास्ते बन्द होने से भी लोगों को परेशानी हो रही है। जनहित संघर्ष मोर्चा के रामनारायण रुलानिया ने बताया कि जिले की घोषणा से कम कुछ मंजूर नहीं है। वहीं प्रदर्शनकारियों ने हनुमानगढ़ – किशनगढ़ मेगा हाईवे को भी जाम कर दिया है।

एसडीएम के समझाने पर भी नहीं माने प्रदर्शनकारी पिछले 24 घंटे से एसडीएम मूलचन्द लूणिया बोबासर और डीएसपी रामप्रताप विश्नोई के साथ प्रदर्शनकारियों से समझाइश करने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन लोगों ने कहा कि जिले की घोषणा से नीचे कुछ भी मंजूर नहीं है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि चाहे कितने दिन भी बैठना पड़े, हम जिला घोषित करवा कर ही यहां से उठेंगे। एसडीएम समेत पुलिस प्रशासन ने आंदोलनकारियों को कई बार बैठक कर मामला सुलझाने की हैं। उच्चाधिकारियों को लगातार अपडेट दिया जा रहा है।