एक बार फिर से पीटीआई वाला गांव बना सींथल,एक साथ 40 युवाओं का चयन,गांव में खुशी का माहौल

नापासर टाइम्स। जिले का छोटा सा सींथल गांव शारीरिक शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर सुर्खियों में आ गया है। यहां के 40 अभ्यर्थी शारीरिक शिक्षक परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं। इस गांव के 68 युवा पहले से ही शारीरिक शिक्षक पद पर प्रदेश के विभिन्न सरकारी स्कूलों में कार्यरत हैं।
रणवीर सिंह बीठू,राम सिंह आढ़ा,मणिराज सिंह बीठू,अरविंद बीठू,महेंद्र बीठू,पवन बीठू,संदीप बीठू,महेंद्र सिंह बीठू ,दीपक बीठू,संजय बीठू,प्रह्लाद बीठू,नरपत बीठू,धीरज बीठू,गोपाल बिठू,रमेश सेवग,लोकेश सेवग,रमेश ओझा, दीपक उपाध्याय,डूंगर दान बीठू,मुकेश बीठू,सौरभ बीठू,सवाई बीठू,राम मारू,अशोक मारू,रजनीश सिंहढायच,रवि बीठू,आवड़ बीठू,संदीप बीठू,राजकुमार प्रजापत,अनुसूया बीठू,अशोक बीठू,भवानी बीठू,चतुर्भुज सुथार का शारीरिक शिक्षक में चयन हुआ है।
अभ्यर्थियों की इस उपलब्धि के पीछे गांव के भामाशाहों का बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने ना केवल इसके लिए गांव के युवाओं को प्रेरित किया, बल्कि उन्हें अभ्यास के लिए स्टेडियम भी बनाकर दिया। आर्थिक सहयोग से गांव के बीच बने चांद भैरव खेल मैदान में हर रोज गांव के युवा अभ्यास करते हैं।
भैरूंदान सिंह ढायच ने दी थी जमीन
गांव में खेल स्टेडियम बनाने के लिए गांव के ही भैरूंदान सिंह ढायच ने अपने खेत के कुछ हिस्से को दान में दिया था। ग्रामीण बताते हैं कि भैरूंदान चाहते थे कि गांव के खिलाड़ी देश-विदेश में गांव का नाम रोशन करें। गांव के युवाओं ने उनकी मंशा को पूरा करने की भरसक कोशिश की। यही कारण था कि यहां से सबसे अधिक पीटीआइ बनकर निकले। भैरूंदान सिंह ढायच शिक्षा विभाग में जिला शिक्षा अधिकारी रहे थे। गांव में खेल मैदान बनाने के लिए जमीन देने पर ग्रामीणों ने आर्थिक मदद एकत्रित कर यहां खेल मैदान की चारदीवारी और अन्य साजो-सामान उपलब्ध करवाया। करीब 6 साल पहले भैरूंदान की मृत्यु हो गई।
गांव में खुशी का माहौल
एक साथ 40 शारीरिक शिक्षकों का चयन होने के बाद गांव में खुशी का माहौल है। गांव के हर दूसरे घर में मिठाइयां खिलाई जा रही है। सींथल गांव के पुलिस में कार्यरत प्रकाश दान चारण बताते हैं कि गांव के खिलाड़ी राज्य और अन्तरराष्ट्रीय खेलों में भाग ले चुके हैं। अभी तक गांव के 68 युवा शारीरिक शिक्षक की नौकरी पा चुके है। वहीं सरकारी सेवाओं में मौका पाने वाले यहां युवाओं की संख्या अन्य गांवों के मुकाबले अधिक है। गांव की सरपंच मनु देवी बीठू ने युवाओं की इस उपलब्धि को अनुकरणीय बताया।