नापासर टाइम्स। आज निर्जला एकादशी है. यह व्रत हर साल ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस दिन बिना जल के उपवास रहने से साल की सारी एकादशियों का पुण्य फल प्राप्त हो जाता है. धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थों की प्राप्ति भी होती है. इस दिन अच्छे स्वास्थ्य और सुखद जीवन की मनोकामना पूरी की जा सकती है. इस दिन भगवान विष्णु की आराधना से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. आइए आपको निर्जला एकादशी की पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और पारण का समय बताते है.
*निर्जला एकादशी की पूजन विधि*
निर्जला एकादशी पर पीले कपड़े पहनकर भगवान विष्णु की पूजा करें. उन्हें पीले फूल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें. श्री हरि और मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें. किसी गरीब को जल, अन्न, वस्त्र, जूते या छाता दान करें. ध्यान रहे कि यह व्रत निर्जला रखा जाता है, लेकिन विशेष परिस्थितियों में जलीय या फलाहार व्रत भी रखा जा सकता है.
*निर्जला एकादशी पर पूजा का मुहूर्त*
इस साल निर्जला एकादशी पर पूजा के लिए दो शुभ मुहूर्त रहेंगे. लेकिन शुभ मुहूर्त में पूजा के लिए आपको सुबह जल्दी तैयार रहना होगा. आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में श्री हरी भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं. 18 जून दिन मंगलवार यानी आज ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4.03 बजे से सुबह 4.43 बजे तक रहेगा. आप सुबह 11.54 बजे से दोपहर 12.50 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में निर्जला एकादशी की पूजा कर सकते हैं.
*पारण विधि और मुहूर्त*
निर्जला एकादशी व्रत के अगले दिन सुबह स्नान करके सूर्य को अर्घ्य दें गरीबों को अन्न, वस्त्र और जल का दान करें. फिर नींबू पानी पीकर व्रत समाप्त करें. पहले हल्का भोजन ही करें तो उत्तम होगा. निर्जला एकादशी 2024 पारण का समय 19 जून दिन बुधवार को सुबह 5 बजकर 24 मिनट से सुबह 7 बजकर 28 के बीच किया जाएगा.
*निर्जला एकादशी पर क्या करें?*
निर्जला एकादशी पर केवल जल और फल ग्रहण करके उपवास रखें. सुबह और सायंकाल अपने गुरु या भगवान विष्णु की उपासना करें. रात में जागरण करके श्री हरि को प्रसन्न करें. ज्यादा से ज्यादा समय मंत्र जाप और ध्यान में लगाएं. जल और जल के पात्र का दान करना विशेष शुभकारी होगा
*निर्जला एकादशी पर क्या न करें?*
इस दिन अन्न का सेवन न करें. स्वास्थ्य की समस्या है तो सात्विक आहार लें. अगले दिन बिना दान किए व्रत न खोलें गुस्सा. निंदा और आलस से बचें. चावल का सेवन बिल्कुल न करें. एकादशी में नमक का भी सेवन नहीं करना चाहिए. तुलसी में जल न दें.
*निर्जला एकादशी धन संबंधी उपाय*
निर्जला एकादशी के दिन एक सफेद रंग का शंख खरीदें. इसमें गंगाजल भर लें और श्री हरि के चरणों में डालें. इसके बाद उस शंख से तीन बार ध्वनि करें. शंख को धोकर पूजा के स्थान पर रख दें. घर में धन आता भी रहेगा और बचत भी होती रहेगी.