नापासर टाइम्स। 9 दिसंबर से पौष मास शुरू हो रहा है। इस साल पौष मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि क्षय होने से ये महीना 29 दिनों का रहेगा। जिसमें व्रत और पर्व के 9 दिन खास रहेंगे। साथ ही इस महीने के दौरान खरमास भी शुरू होगा।
इस हिंदी महीने में व्रत-उपवास, दान और पूजा-पाठ के साथ ही पवित्र नदियों में नहाने का भी महत्व बताया है। इस पवित्र महीने में किए गए धार्मिक कामों से कई गुना पुण्य फल मिलता है। व्रत और दान का विशेष फल मिलता है।
पुण्य देने वाले इस पवित्र महीने में भगवान विष्णु की पूजा नारायण रूप में करनी चाहिए। वहीं, उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का भी विधान है। पौष महीने में सूर्य नारायण नाम से पूजा करने से हर तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं।
*पौष मास में आने वाले व्रत-पर्व…*
चतुर्थी व्रत 11 और 26 दिसंबर: पौष महीने में गणेश जी की पूजा के लिए कृष्ण पक्ष में आने वाली अखुरथ चतुर्थी 11 तारीख, रविवार को रहेगी। इसके बाद शुक्ल पक्ष में आने वाली विनायक चतुर्थी 26 दिसंबर को रहेगी।
धनु संक्रांति 16 दिसंबर को: शुक्रवार, 16 दिसंबर को सूर्य राशि बदलकर धनु में प्रवेश कर जाएगा। इस दिन धनु संक्रांति रहेगी। पौष महीने में आने वाली इस संक्रांति पर होने वाली सूर्य पूजा और स्नान-दान से कई गुना पुण्य मिलता है।
खरमास 16 दिसंबर से: शुक्रवार, 16 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में आ जाएगा। जिससे धनुर्मास यानी खरमास शुरू हो जाएगा। जो कि 14 जनवरी तक रहेगा। इस एक महीने में शादी, सगाई, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक काम नहीं किए जा सकेंगे।
एकादशी व्रत 19 दिसंबर और 2 जनवरी को: पौष महीने में भगवान विष्णु की पूजा नारायण रूप में करने का विधान है। इस महीने में आने वाली दोनों एकादशी सोमवार को रहेंगी। पहली वाली का नाम सफला और दूसरी पुत्रदा एकादशी रहेगी।
प्रदोष व्रत 21 दिसंबर और 4 जनवरी को: पौष में शिव पूजा का भी विशेष महत्व है। इस महीने शिव पर्व यानी प्रदोष व्रत पर बुधवार का शुभ संयोग बन रहा है। बुध प्रदोष के संयोग में शिव पूजा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और हर तरह के दोष खत्म हो जाते हैं। इनमें पहला 21 दिसंबर और दूसरा 4 जनवरी को रहेगा।
अमावस्या और पूर्णिमा, दोनों शुक्रवार को: पौष मास में तीर्थ स्नान और दान के पर्व शुक्रवार को रहेंगे। इनमें पितरों की पूजा और तीर्थ स्नान के लिए पौष मास की अमावस्या 23 दिसंबर को और पूर्णिमा 6 जनवरी को रहेगी।