Navratri 2022: नवरात्रि के दूसरे दिन हनुमान जी की पूजा का बना है विशेष संयोग, ऐसे करें संकट मोचन की पूजा*

    नापासर टाइम्स। नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है. नौ दिन तक मां की पूजा-सेवा की जाती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि देवी दुर्गा की आराधना भैरव बाबा और हनुमान जी की पूजा के बिना अधूरी मानी जाती है. मान्यता है कि नवरात्रि में अष्ट सिद्धि-नौ निधि के दाता हनुमान जी की पूजा से देवी दुर्गा बेहद प्रसन्न होती है और बजरंगबली की कृपा से भक्त का बेड़ा पार हो जाता है. शारदीय नवरात्रि का पहला मंगलवार 27 सितंबर 2022 को है. आइए जानते हैं नवरात्रि में देवी दुर्गा के साथ हनुमान जी की पूजा का महत्व और पूजन विधि.

    *नवरात्रि में हनुमान जी की पूजा का महत्व*

    धर्म ग्रंथों के अनुसार हनुमान जी को देवी दुर्गा का परम भक्त माना जाता है इसलिए देवी के हर शक्तिपीठ में मां दुर्गा के साथ हनुमान जी का भी मंदिर होता है. कहते हैं कि मां भवानी और बजरंगबली का मां-बेटे का संबंध है. नवरात्रि के नौ दिनों में बल और विद्या का दाता हनुमान जी की आराधना से शक्ति साधना पूर्ण मानी जाती है और जातक की हर बाधा दूर होती है. संकटों का नाश होता है.

    *नवरात्रि में ऐसे करें बजरंगबली की पूजा*

    वैसे तो नवरात्रि के नौ दिनों तक संकटमोचन की पूजा उत्तम होती है लेकिन 27 सितंबर 2022 को नवरात्रि का पहला मंगलवार है. मंगलवार हनुमान जी को समर्पित है. ऐसे में बजरंगबली की पूजा का खास संयोग बना है.

    हनुमान जी की पूजा में शुद्धि का विशेष महत्व है. तन और मन की शुद्धता के साथ सुबह देवी की आराधना के बाद हनुमान जी को सिंदूर का चौला चढ़ाएं.

    बजरंगबली को पीपल के पत्तों से बनी माला अर्पित करें और मीठे पान का बीड़ा चढ़ाएं. मान्यता है इससे जातक के तरक्की के रास्ते खुलते हैं.

    नवरात्रि में मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करने से घर और उसके आसपास की नकारात्क ऊर्जा खत्म हो जाती है. वहीं हनुमान चालीसा का पाठ करने से अष्टसिद्धियां प्राप्त करने का वरदान मिलता है.

    बजरंगली को भोग में बेसन का लड्‌डू चढ़ाएं. इससे भूत, शत्रु, हर बाधा का नाश होगा. बजरंगबली की पूजा में तेल का दीपक लगाएं.