नापासर टाइम्स। आज से नौतपा योग शुरू हो रहा है. ज्योतिष गणना के अनुसार, नौतपा 25 मई यानी आज से लेकर 2 जून तक रहने वाला है. यानी पूरे 9 दिनों तक सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ेंगी, जिससे तापमान गर्मी के रिकॉर्ड तोड़ेगा. पहले ही पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश का भीषण गर्मी से बुरा हाल है. राजस्थान और गुजरात में भी गर्मी हाहाकार मचा रही है. यहां तक कि पहाड़ों की रानी शिमला में भी सूरज आसमान से आग उगल रहा है. आइए जानते हैं कि नौतपा कब लगता है और इस दौरान गर्मी से राहत के लिए क्या करना चाहिए.
*कब लगता है नौतपा ?*
शास्त्रों के मुताबिक, जब-जब ज्येष्ठ मास में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो गर्मी बढ़ती है. दरअसल, रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा का नक्षत्र है और सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने से चंद्रमा की शीतलता कम हो जाती है. नतीजन 9 दिनों तक भीषण गर्मी होती है. साथ ही इस अवधि में सूरज धरती के और भी करीब आ जाता है, जिससे भी धरती का तापमान बढ़ जाता है. 22 जून को ज्येष्ठ माह समाप्त होने के बाद गर्मी से राहत मिलेगी. उस समय सूर्य आद्रा नक्षत्र के प्रवेश कर जाएगा और धरती पर बारिश की बूंदें गिरने लगेंगी.
*कब रोहिणी नक्षत्र में जाएगा सूर्य ?*
हिंदू पंचांग के अनुसार, सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने के साथ ही नौतपा शुरू हो जाता है. इस साल सूर्य 24 तारीख को मध्यरात्रि 3 बजकर 16 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे.
*नौतपा में न करें ये गलतियां*
नौतपा में सूरज की गर्मी से पूरी धरती तपती है. इस दौरान दिन के समय यात्रा करने से बचना चाहिए. नौतपा में अधिक मिर्च, मसाले और तेल वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. इसमें मांस, मदिरा के सेवन से भी बचें. नौतपा के दौरान तूफान, आंधी आने की आशंका काफी बढ़ जाती है. नौतपा में बैंगन न खाने की सलाह दी जाती है. इसमें आंधी, तूफान और लू की संभावना बहुत अधिक होती है. इसलिए शादी, मुंडन और बाकी मांगलिक कार्यों को करने से बचना चाहिए.
*नौतपा में क्या करें ?*
नौतपा में हल्का भोजन करना चाहिए. इसमें ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए. नौतपा में पक्षियों के लिए किसी मिट्टी के बर्तन में जल भरकर रखना चाहिए. ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस दौरान राहगीरों को भी जल का सेवन कराना चाहिए. शिवलिंग पर जल चढ़ाना भी नौतपा में शुभ माना जाता है. इस महीने भगवान हनुमान की पूजा का विशेष महत्व होता है. कहते हैं कि ज्येष्ठ के महीने में ही हनुमान जी की मुलाकात भगवान श्रीराम से हुई थी.