राजस्थान में पाला पड़ने से सरसों की फसल चौपट, किसानों ने चलाए हल, चने की फसल को भी नुकसान

नापासर टाइम्स। राजस्थान के किसानों पर शीतलहर ने जमकर कहर बरपाया है। राजस्थान के झुंझुनूं जिले में पाले और शीतलहर से किसानों की 80 फीसदी फसल खराब हो गई है। किसानों का कहना है कि चार दिन तक लगातार पड़े पाले से सरसों की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। फसल को हुए नुकसान से किसान बेहद परेशान हैं। किसानों की फसलें खराब होने के बाद सूबे का कृषि और राजस्व विभाग सक्रिय हो गया है। कृषि विभाग के बाद राजस्व विभाग की ओर से विशेष गिरदावरी की जा रही है। सरसों की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। आलम यह है कि 80 फीसदी तक फसल खराब हो गई है।

आलम यह है कि किसान पाले से बर्बाद हो चुकी सरसों की फसल को ट्रैक्टरों से नष्ट कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि मौसम की सर्वाधिक मार सरसों की फसल पर पड़ी है। लेकिन चना और सब्जियों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। किसान हीराराम भालोठिया का कहना है कि अक्टूबर में 50 बीघा में सरसों की फसल लगाई थी। फसल भी लहलहा रही थी। एक मावठ का इंतजार था। इसी दौरान लगातार तीन चार दिन पाला पड़ने से सरसों की फसल में आई बालियों में बर्फ जम गई। इस कारण फसल खराब हो गई। मजबूरन अब खराब फसल पर ट्रैक्टर चलाना पड़ रहा है।

किसानों का कहना है कि अब फसल की मड़ाई में मेहनत और मजदूरी लगाने का कोई फायदा नहीं होने वाला है। इसी तरह बाकरा के किसान रणजीत खीचड़ ने कहा कि उन्होंने 12 बीघा में सरसों की फसल लगाई थी। पाले से सरसों की फसल नष्ट हो गई। नयासर निवासी इलियास का कहना है कि तिलहन के भाव अधिक होने के चलते इस बार 25 बीघा में सरसों की बुआई की थी लेकिन पाला पड़ने से सरसों की फसल नष्ट हो गई। बीते दिनों जिले में तापमान जमाव बिंदु पर रहा। इस कारण चार तीन तक पाला पड़ा।

किसानों का कहना है कि सरसों के अलावा बारानी चने की फसल को भी 30 फीसदी तक नुकसान पहुंचा है। पाले की वजह से पौधे काले पड़ गए हैं। इसी तरह बैंगन, आलू, टमाटर, मटर और मेथी की सब्जियों को भी काफी नुकसान हुआ है। खिरोड़ हल्के के पटवारी विद्याधर वर्मा ने कहा कि सरसों और मटर समेत विभिन्न फसलें बर्बाद हुई हैं। सेवानिवृत्त कृषि वैज्ञानिक डा. हनुमान प्रसाद ने बताया कि पाला पड़ने से रबी की फसल को नुकसान हुआ है। सरसों की फसल को 80 फीसदी तक नुकसान पहुंचा है।