नापासर टाइम्स।ज्योतिष गणना के अनुसार सूर्य भगवान एक-एक करके 12 राशियों में प्रवेश करते हैं। जब सूर्य राशि परिवर्तन करते हुए मकर राशि में जाते हैं तो इसे संक्रांति नाम से जानते हैं। सूर्यदेव नए साल में 14 जनवरी की रात को मकर राशि में प्रवेश करने वाले हैं। यहां जानें 12 संक्रांति में से मकर संक्रांति क्यों खास होती है और ज्योतिष के अनुसार साल 2023 में मकर संक्रांति वराह वाहन पर सवार होकर आ रही हैं और उप वाहन वृषभ यानी बैल है।
*मकर संक्रांति का मौसम पर होगा ये असर*
हिंदू पंचांग के मुताबिक मकर संक्रांति के कारण इस साल पूरी दुनिया के मौसम में काफी उथल-पुथल देखने को मिल सकता है। भारत में कुछ राज्यों में बेहद कम बारिश होगी। वहीं कुछ इलाकों में सूखे का प्रभाव अधिक रहेगा। बदलते मौसम के कारण लोगों की सेहत पर भी इसका बुरा असर देखने को मिलेगा। ज्योतिष के अनुसार साल 2023 का पूरा साल मौसम के लिहाज से काफी उथल-पुथल भरा हो सकता है।
*मकर संक्रांति पर उपवाहन होगा वृषभ*
साल 2023 में मकर संक्रांति वराह पर सवार होकर आएगी, वहीं उप वाहन वृषभ होगा। वहीं वस्त्र की बात करें तो इस साल मकर संक्रांति का शुभ रंग हरा होगा और पुष्प बकुल होगा। अवस्था वृद्धावस्था, लेपन – चंदन, हथियार – खड्ग, आभूषण – मोती की माला, पात्र – ताम्र पात्र, भिक्षा – अन्न और दिशा पश्चिम से उत्तर की ओर होगा।
*हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का इसलिए है महत्व*
गौरतलब है कि जबृ सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो मकर संक्रांति होती है। इस दौरान धरती उत्तरी गोलार्ध की ओर गति करने लगती है। भारत उत्तरी गोलार्ध में होने से दिन बड़े और रात छोटी होने लगती हैं। इसके साथ ही सूर्य की रोशनी अधिक समय तक फसलों में रहती हैं। इसलिए मकर संक्रांति को खास माना जाता है।