नापासर टाइम्स। खुशियों के त्योहार दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के बाद महालक्ष्मी पूजन स्थल पाट की उत्थापना अगले दिन की बजाए उसी रात सूर्योदय से पहले परिवर्तन करना होगा। दीपावली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी और 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण है जिसका सूतक काल सुबह 4.15 मिनट से आरंभ हो जाएगा। इसी कारण लक्ष्मी पूजन पाट की उत्थापना 25 अक्टूबर को सूर्योदय से 2 घंटे पूर्व करनी होगी। प्रमुख ज्योतिषियों के अनुसार दीपावली पूजन के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा इसीलिए तड़के सूतक लगने के बाद लक्ष्मी पूजन की सामग्री आदि अशुद्ध हो जाएंगे।
पंडित भानुप्रकाश दवे ने बताया कि इस बार लक्ष्मी पूजन का पाट सूर्य ग्रहण के सूतक से पहले उठाना होगा। सूतक के दौरान लक्ष्मी पूजन की सामग्री, भोग आदि अशुद्ध हो जाएंगे। लक्ष्मी पूजन के दौरान विभिन्न देवताओं के आह्वान किया जाता है, उन्हें भी सूतक से पहले ही विसर्जित किया जाएगा।
सूतक तड़के 4.15 बजे से प्रारंभ
खण्डग्रास सूर्य ग्रहण समस्त भूमंडल पर दोपहर 2.28 बजे से प्रारंभ हो जाएगा। ग्रहण का मध्यकाल शाम 4.30 बजे होगा, जबकि ग्रहण समाप्त शाम 6.32 बजे होगा। ग्रहण की बात करें तो ग्रहणकाल 4 घंटा 30 मिनट रहेगा। सूर्य ग्रहण की शुरुआत शाम 4.32 बजे होगी। हालांकि इससे पहले ही तड़के 4.15 बजे से सूतक लग जाएगा। शाम 4.32 बजे सूर्यग्रहण प्रारंभ होगा, शाम 5.50 बजे सूर्यास्त होगा। यानी 51.77 प्रतिशत सूर्यग्रहण होने से शाम 5.33 बजे आधा बिंब 50 प्रतिशत ही चमकीला दिखेगा। सूतक काल में शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
क्या है सदियों से चली आ रही परंपरा
लोक परंपरा के अनुसार लक्ष्मी पूजन का पाट कुछ लोग दूसरे दिन उठाते है तो कुछ लोग भैयादूज पूजने के बाद लक्ष्मीजी का पाटा उठाते है। हालांकि इस बार दीपावली पूजन के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को खण्डग्रास सूर्यग्रहण होने से दूसरे दिन सूर्य ग्रहण के सूतक से पहले ही लक्ष्मीजी का पाट उठाना पड़ेगा।
लक्ष्मी पाट उत्थापना का मुहूर्त
24 अक्टूबर 2022
शुभ अमृत का चौघड़िया
मध्य रात्रि 1:47 से सुबह 3:55 तक।
150 साल बाद टूटेगी गोवर्धन पूजन की परम्परा
खंडग्रास सूर्य ग्रहण का असर गोवर्धन पूजा पर होगा। इस बार 150 से अधिक सालों बाद परंपरा टूटेगी और दीपावली के दूसरे दिन गावर्धन पूजा नहीं होगी। हालांकि दीपावली पूजा पर ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं होगा है। गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को होगी।