नापासर टाइम्स। कस्बे में माहेश्वरी भवन में स्व बालकिशन जी झँवर की पुण्य स्मृति में दीनदयाल झवँर द्वारा व जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज के श्री मुख से आयोजित श्रीमदभागवत कथा के छठे दिन महाराज श्री ने कृष्ण भगवान की लीलाएं, चिरहरण, गोवर्धन पर्वत धारण, सहित रुक्मणी से विवाह व भगवान कृष्ण के 16 हजार 108 विवाह की कथा का वर्णन किया,उन्होंने कहा कि
जब तक राधा जी की कृपा नही होगी तब तक कृष्ण नही मिलेगे। देवी के पांचों नाम राधा जी के है,राधा जी कात्यायनी भी कहते है,महायोगिनी भी कहते है,
“राधे राधे तू श्याम से मिला दे,गोपियां ढूंढ रही किसी ने मेरे श्याम देखे,तेरे श्याम मेने गोकुल में देखे,माखन चुराते हुए मेने ही तेरे श्याम देखे”भजन पर उपस्थित श्रद्धालु झूम उठे। कथा में बुधवार को लूणकरणसर विधायक सुमित गोदारा,पंचायत समिति प्रधान लालचन्द आसोपा,भाजपा देहात जिलाध्यक्ष ताराचंद सारस्वत,भाजपा मण्डल अध्यक्ष जसवंत दैया भी पहुंचे और महाराज श्री का आशीर्वाद लिया,रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा कि सनातन धर्मियों के लिए हिन्दू धर्म सर्वोपरि है,हिन्दू धर्म भारतीयता का प्रतीक है,सभी हिन्दुओ को श्री राम के आदर्शों पर चलना चाहिए,मानव जीवन की तीन अवस्थाएं होती है,बालक को प्रबुद्व,युवक को शुद्व व वृद्ध को सिद्व होना चाहिए,युवा खुद को शुद्व करे,खूब काम करे,निष्ठा से काम करो तो प्रतिष्ठा मिलेगी,
गुरुवार को कथा का अंतिम दिन है,सुबह कथा का समय दस बजे से एक बजे तक होगा,शाम को तीन बजे पूर्णाहुति होगी। कथा सुनने बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे।