नापासर टाइम्स। कामदा एकादशी का व्रत 1 अप्रैल 2023 को रखा जाएगा. हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को बेहद शुभ और सर्वश्रेष्ठ माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि कामदा एकादशी पर जो सच्चे मन से श्रीहरि विष्णु की उपासना करते हैं उसे जघन्य अपराध भी माफ हो जाते हैं और मृत्यु के पश्चात उसे बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है. कामदा एकादशी पर इस बार बहुत शुभ संयोग बन रहा है इस दिन कुछ खास से पूजा और दान करने पर व्रत का पूर्ण फल मिलेगा. आइए जानते हैं कामदा एकादशी पर पूजा का मुहूर्त,विधि, व्रत पारण समय और शुभ योग.
*कामदा एकादशी 2023 मुहूर्त*
चैत्र शुक्ल एकादशी तिथि शुरू – 1 अप्रैल 2023, प्रात: 01.58
चैत्र शुक्ल एकादशी तिथि समाप्त – 2 अप्रैल 2023, सुबह 04.19
विष्णु जी की पूजा का समय (शुभ) – सुबह 07.45 – सुबह 09.18
कामदा एकादशी व्रत पारण समय – दोपहर 01.40 – शाम 04.10 (2 अप्रैल 2023)
*कामदा एकादशी 2023 शुभ योग*
कामदा एकादशी के दिन रवि योग बन रहा है, साथ ही इस दिन शनिवार होने से श्रीहरि के साथ व्रती को शनि देव की कृपा भी प्राप्त होगी. शनिवार और एकादशी के योग में काले तिल और तेल का दान जरूर करना चाहिए. इससे शनि की अशुभता दूर होती है और भगवान विष्णु के आशीर्वाद से जीवन सुखमय बनता है.
रवि योग – 1 अप्रैल 2023, सुबह 06.12 – 2 अप्रैल 2023, सुबह 04.48
*विष्णु जी – शनि देव को प्रसन्न करने का उपाय*
कामदा एकादशी इस बार शनिवार के दिन पड़ रही है, ऐसे में इस दिन तिल का इस्तेमाल जरुर करें. तिल को ज्योतिषशास्त्र में शनि से संबंधित वस्तु बताया गया है जिसकी उत्पत्ति भगवान विष्णु से हुई है. श्रीहरि, शनि देव और सूर्य देव की पूजा में तिल का विशेष महत्व है.
कामदा एकादशी पर सफेद तिल को गंगाजल में मिलाकर विष्णु जी का अभिषेक करें. फिर तिल युक्त मिठाई का भोग लगाएं. मान्यता है इससे वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है और वंश वृद्धि के योग बनते हैं.
शनिवार के दिन कामदा एकादशी पर एक मुठ्ठी काले तिल को बहते पानी में प्रवाहित कर दें. साथ ही काले तिल का दान करें. मान्यता है इससे शनि की साढ़ेसाती और राहु-केतु के अशुभ प्रभाव में कमी आती है.
कामदा एकादशी के दिन दूध में काले तिल में मिलाकर पीपल के पेड़ में चढ़ाएं इससे बुरा वक्त जल्द समाप्त हो जाता है. धन संबंधी समस्या भी खत्म हो जाती है.