napasartimes.आज जन्माष्टमी है और बाल गोपाल की विशेष पूजा की जाएगी। जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण का खास श्रृंगार करना चाहिए। भगवान को नए चमकीले पीले वस्त्र अर्पित करें। इस दिन बाल गोपाल या श्रीकृष्ण के मंदिर में दर्शन-पूजन भी जरूर करना चाहिए।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, कृष्ण पूजा में कुछ खास बातों का ध्यान रखा जाए तो पूजा का पूरा पुण्य मिल सकता है। जानिए ये बातें कौन-कौन सी हैं…
बालक कृष्ण को नंदबाबा ने बांसुरी उपहार में दी थी। तब से श्रीकृष्ण के साथ बांसुरी हमेशा रही। इसलिए पूजा में भी बांसुरी जरूर रखें।
गायों से श्रीकृष्ण का विशेष स्नेह रहा है। बालपन में श्रीकृष्ण गायों को चराने गोवर्धन पर्वत तक जाते थे। गायों के दूध से बना माखन भगवान को बहुत पसंद है। कृष्ण पूजा में गोमाता की मूर्ति और माखन-मिश्री भी रखें। जन्माष्टमी पर किसी गोशाला में गायों की सेवा करें, गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें।
कृष्ण पूजा के लिए सबसे जरूरी चीजों में से एक है तुलसी। तुलसी के बिना भगवान को भोग न लगाएं। कृष्ण मंत्रों का जप तुलसी की माल की मदद से करना चाहिए। मंत्र जप कम से कम 108 बार करें।
मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण को मोरपंख राधा ने दिया था। इसी वजह से श्रीकृष्ण मोरपंख हमेशा अपने मस्तक पर धारण करते हैं। पूजा में मोर भी जरूर रखें।
भगवान श्रीकृष्ण के सुंदर वस्त्रों के साथ ही सुंदर आसन भी रखें। भगवान का विशेष सत्कार करेंगे तो पूजा जल्दी सफल हो सकती है।
पूजन में सबसे पहले प्रथम पूज्य भगवान गणेश की विधिवत पूजा जरूर करें। गणेश प्रतिमा पर जल चढ़ाएं, वस्त्र, चंदन, दूर्वा, हार-फूल अर्पित करें। भोग लगाएं। धूप-दीप जलाएं और आरती करें।
बाल गोपाल को सुगंधित फूलों वाले जल से स्नान कराएं। इसके बाद केसर मिश्रित दूध से भगवान का अभिषेक करें। दूध को दक्षिणावर्ती शंख में भरें और भगवान को अर्पित करें।
बाल गोपाल को पंचामृत का भोग भी लगाएं। दूध, दही, घी, शहद और मिश्री मिलाकर पंचामृत बनाया जाता है। पंचामृत चांदी के बर्तन में भरें, तुलसी के साथ भोग लगाएं।
पूजा में श्रीकृष्ण के मंत्र कृं कृष्णाय नम:, राधे-राधे, राधे-कृष्ण का जप करें।
जन्माष्टमी पर जरूरतमंद लोगों को धन, अनाज, कपड़े, जूते-चप्पल का दान जरूर करें। भगवान श्रीकृष्ण ऐसे लोगों पर विशेष कृपा करते हैं जो दूसरों की मदद करते हैं।