सनातन धर्म के लिये व भारत की अखंडता के लिए इतना काम करूंगा कि लोग कहेंगे कि बन्द आंखों से भी इतना काम किया जा सकता है-जगदगुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज माहेश्वरी भवन में पिछले सात दिनों से स्व बालकिशन जी झँवर की पुण्य स्मृति मे जगदगुरु श्री रामानंदाचार्य रामभद्राचार्य जी महाराज के श्री मुख से आयोजित हो रही श्री मदभागवत कथा का समापन हुआ,यज्ञ के साथ हुई पूर्णाहुति

भागवत कथा विश्राम पर आयोजक झँवर परिवार
कथा के अंतिम दिन उपस्थित श्रद्धालु
कथा समापन पर निकली शोभायात्रा
शोभायात्रा

नापासर टाइम्स। कस्बे में माहेश्वरी भवन में स्व बालकिशन जी झँवर की पुण्य स्मृति में दीनदयाल झवँर द्वारा व जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज के श्री मुख से आयोजित श्रीमदभागवत कथा के सातवे अंतिम दिन महाराज श्री ने सुदामा चरित्र,परीक्षित मोक्ष के प्रसंग सुनाए,महाराज श्री ने आयोजक दीनदयाल झँवर सहित कथा से जुड़े सदस्यों का मंगलाशाहसन किया,महाराज ने कहा कि राजस्थान में आकर बहुत अच्छा लगा,यहाँ से जाने का मन नही करता,राजस्थान में तीन तीन ठाकुर जी है,करौली में मदनमोहन जी,जयपुर में गोपीनाथ जी,गोविन्दगीरी जी,नाथद्वारा की सेवा तो अदभुत है,वहां की अदभुत बात ये है कि वहाँ पर भगवान नित्य नूतन वस्त्र धारण करते है,और राजस्थान में तो सभी तीर्थों के गुरु पुष्कर में है,तीर्थो के राजा प्रयागराज उत्तरप्रदेश में तो गुरु राजस्थान पुष्कर में है,वीरों और सन्तो की भूमि है राजस्थान,सनातन धर्म के लिये व भारत की अखंडता के लिए इतना काम करूंगा कि लोग कहेंगे कि बन्द आंखों से भी इतना काम किया जा सकता है,सालासर बालाजी धाम में 1008 कुंडीय यज्ञ में सभी को जोड़ना है,कथा की पूर्णाहुति के बाद कथा स्थल पर सामूहिक हवन हुआ, कथा समापन पर शोभायात्रा माहेश्वरी भवन से निकली जो शिवालय तक गई,शोभायात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं कृष्ण भजन गाती हुई शामिल हुई।