*गोविंद गिरी के विचारों को जीवन मे करे आत्मसात,मानव जन जागृति संस्थान द्वारा नायकों के मोहल्ले नापासर में समाज सुधारक गोविंद गिरी की जयंती मनाई गई*

नापासर टाइम्स।  कस्बे के नायकों के मोहल्ले में मंगलवार को मानव जन जागृति संस्थान द्वारा समाज सुधारक गोविंद गुरु की जयंती मनाई गई,कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि सरपँच प्रतिनिधि रतिराम तावनिया,गीता देवी बागड़ी बालिका विद्यालय के व्याख्याता श्रवण कुमार बेनीवाल व मुख्य अतिथि उपसरपंच प्रतिनिधि रामरतन सुथार वार्ड पंच मंजू देवी झँवर,हनुमान गिरी व अध्यक्षता भेराराम नायक वार्ड पंच ने की,मंच संचालन शिक्षाविंद राकेश कुमार सारण ने किया,इस अवसर पर सरपँच प्रतिनिधि रतिराम तावनिया ने कहा कि वागड़ क्षेत्र डूंगरपुर बाँसवाड़ा में गोविन्द गुरु ने भीलों के सामाजिक एवं नैतिक उत्थान के लिए अथक प्रयास किये. वे महान समाज सुधारक थे. आदर्श शिक्षक सोहनलाल गोयल ने बताया कि गोविन्द गुरु का जन्म 20 दिसम्बर 1858 डूंगरपुर राज्य के बसियाँ गाँव में हुआ था. 1880 में स्वामी दयानन्द सरस्वती जब उदयपुर आए, गोविन्द गुरु उनके विचारों से प्रभावित हुए और उन्होंने भीलो के हक के लिए अंग्रेजो से लड़ाई लड़ी थी,वो खुद शिक्षित नहीं थे मगर भीलों को शिक्षित करने के प्रयास निरंतर जारी रखा,गीता देवी बागड़ी बालिका विद्यालय के व्याख्याता श्रवण कुमार बेनीवाल ने कहा की गुरु गोविंद गिरी ने भील समाज के लिए अथक प्रयास करते हुए अपना बलिदान दे दिया,सोहनलाल, गोयल ने पूजा नायक को बारहवीं कक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण करने पर 1000 रु नगद राशि पुरुस्कार स्वरूप प्रदान की एवं आगामी वर्षो में भी प्रथम श्रेणी से बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करने पर 1000 के एवं 75% अंक प्राप्त करने पर 7000 नगद राशि पुरुस्कार प्रदान करने की घोषणा भी की। कार्यक्रम के अंत मे रतिराम तावनिया ने कहा कि नापासर के आदर्श शिक्षक सोहन लाल गोयल अपने निजी खर्चे से गरीब तबके के छात्र छात्राओं को शिक्षित करने का कार्य कर रहे हैं जो अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है,ऐसे आदर्श शिक्षक को मै नमन करता हूं।