IAS नीरज के. पवन पर तानी तलवार: अतिक्रमण तोड़ने से नाराज युवक नंगी तलवार लेकर संभागीय आयुक्त की ओर बढ़ा,पकड़ा गया

नापासर टाइम्स। बीकानेर के सर्वोदय बस्ती क्षेत्र में अतिक्रमण तोड़ने पहुंचे संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन पर एक युवक ने तलवार से हमला करने का प्रयास किया। ये युवक आईएएस अधिकारी की ओर जब लपका तो उसके हाथ में नंगी तलवार थी। वो यहीं तक नहीं रुका, बल्कि पवन पर पत्थरबाजी भी की। इसके बाद भी कब्जे तोड़ने का अभियान थमा नहीं, बल्कि अतिक्रमण तोड़ा गया।

मंगलवार दोपहर में संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन के आदेश पर एक दस्ता सर्वोदय बस्ती पहुंचा। वहां कब्जे तोड़ने का सिलसिला शुरू हुआ तो स्थानीय लोगों ने विरोध किया। इसकी जानकारी मिलने पर स्वयं संभागीय आयुक्त नीरज मौके पर पहुंच गए। उन्हें देखने के बाद स्थानीय लोगों ने विरोध फिर शुरू कर दिया। इसी दौरान एक बाड़े में खड़े युवक ने संभागीय आयुक्त के काफिले को ललकारा। इस दौरान उसके हाथ में नंगी तलवार थी। वो तलवार लेकर उस तरफ दौड़ा जिस तरफ संभागीय आयुक्त जा रहे थे। मुक्ता प्रसाद नगर थानाधिकारी अरविन्द भारद्वाज ने बताया कि विजय गहलोत नामक इस युवक को बाद में पुलिस ने हिरासत में लिया है। करोड़ों की जमीन पर कब्जा

सर्वोदय बस्ती में करोड़ों रुपए की संपत्ति पर लोगों ने अवैध कब्जे किए हुए हैं। इन्हीं जमीनों को मुक्त कराने के लिए संभागीय आयुक्त पहुंचे थे। स्थानीय लोगों का दावा है कि उनके पास पट्टे हैं या फिर वो वर्षों से यहां रह रहे हैं। इस क्षेत्र में लोगों को बिजली पानी के कनेक्शन मिल

चुके हैं, दशकों से यहां रह रहे हैं।

कब्जों के खिलाफ चल रहा अभियान

संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन ने न सिर्फ बीकानेर शहर बल्कि खाजूवाला, श्रीडूंगरगढ़, लूणकरनसर सहित कई कस्बों में भी अवैध अतिक्रमणों को धराशायी किया है। यहां तक कि रास्तों को सही करने के लिए उन्होंने सरकारी जमीनों से भी कुछ हिस्सा लिया है। बीकानेर के वेटरनरी कॉलेज, मुख्य डाकघर की सरकारी जमीनों को भी उन्होंने सड़क में शामिल कर दिया। कई जगह लोग अपने पट्टे दिखाते रह गए लेकिन संभागीय आयुक्त ने कब्जे तोड़ दिए ।

करमीसर में भी विरोध

पिछले दिनों मुरलीधर व्यास कॉलोनी से आगे करमीसर में भी कब्जा तोड़ने पहुंची नगर विकास न्यास की टीम पर लोगों ने हमला किया था। तब नगर विकास न्यास के वाहनों को पत्थरबाजी करके तोड़ दिया गया था। वहां न्यास की टीम सुरक्षित वापस आ गई। बाद में यहां अतिक्रमण भी नहीं टूटे |