नापासर टाइम्स। पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी बुधवार को नोखा विधानसभा क्षेत्र के जसरासर गांव में किसान सम्मेलन के जरिए बड़ा शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पहुंचे। इस दौरान अशोक गहलोत ने कहा- मैंने सभी विधायक और मंत्रियों से कहा है कि तुम मांगते-मांगते थक जाओगे। मैं देता नहीं थकूंगा। मुझे पता नहीं था जिले मांग लेंगे। तब भी मुझे इनके वादे पूरे करने पडे। 19 जिले राजस्थान की जनता को दे दिए।
क्योंकि मैंने कहा था देते हुए थकूंगा नहीं ।
इससे पहले सीएम ने यहां महंगाई राहत कैंप का भी दौरा किया। राहत कैंप में सीएम से फुसी देवी नाम की एक महिला से चर्चा की। महिला ने मुख्यमंत्री से कहा- आप जो दे रहे हैं, वो जोरदार है। आप तो गांवों में महिलाओं के सिर से ये घूंघट हटवाओ। इस पर गहलोत ने समर्थन किया। कहा- ये बंधन है, इससे मुक्ति मिलनी चाहिए।
जसरासर में सभा को संबोधित करते हुए प्रभार रंधावा ने कहा- बहुत से चीफ मिनिस्टर कंजूस होते हैं, गहलोत कहते हैं कि मुझसे ले जाओ जितने ले जाने हैं। ऐसा सीएम कहीं नहीं देखा। वहीं, ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा- एक करोड़ लोगों को 100 यूनिट बिजली का लाभ मिलेगा। अब तक शिक्षा विभाग 90 हजार को रोजगार दे चुका है। इसी साल 1 लाख युवाओं को और रोजगार दिया जाएगा। कृष्णा पूनिया ने कहा- खेल के क्षेत्र में गहलोत सरकार ने सर्वाधिक काम किया। मेडल जीतने पर पुलिस में भी नौकरी मिली।
रामेश्वर डूडी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा- किसान को सोशल सिक्योरिटी दी जानी चाहिए। उसे 3 हजार रुपए मासिक मिलना चाहिए।
इस आयोजन में मुख्यमंत्री गहलोत पहुंचे हैं, जबकि पायलट इसमें शामिल नहीं होंगे। दरअसल, नेता प्रतिपक्ष रहते हुए उनकी तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के साथ खूब जमी थी। पिछले विधानसभा ‘चुनाव में भी दोनों ने साथ में प्रचार किया था। डूडी की मुख्यमंत्री गहलोत से नाराजगी भी जगजाहिर रही है। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव के दौरान तो दोनों खुलकर आमने सामने आए थे, लेकिन अब परिस्थितियां बदल चकी है। इस सभा में शिक्षा मंत्री डॉ बलाकी दास कल्ला,
चुकी है। इस सभा में शिक्षा मंत्री डॉ बुलाकी दास कल्ला, ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, अशोक चांदना, कृष्णा पूनिया आए हैं।
पिछले दिनों रामेश्वर डूडी घोषणा कर चुके हैं कि वो नोखा से ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में शक्ति प्रदर्शन को चुनावी शंखनाद माना जा रहा है। पिछले चुनाव में डूडी नोखा से ही भाजपा के बिहारीलाल बिश्नोई से चुनाव हार गए थे। अगर डूडी चुनाव जीत जाते तो बड़े राजनीतिक पद के हकदार होते।