27 से होलाष्टक व 14 मार्च से मलमास, 46 दिन नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य,गुरु तारा भी 30 मार्च को अस्त होगा, जो 28 अप्रैल को उदय होगा

नापासर टाइम्स। जिले में 27 फरवरी को होलाष्टक लगने व 14 मार्च को सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करने के साथ ही मळमास शुरू होने पर आगामी 46 दिनों तक मांगलिक कार्य नहीं होंगे। अप्रैल महीने में एक भी विवाह का मुहूर्त नहीं है। पंडितों के अनुसार मळमास शुरू होने और गुरु तारे के अस्त होने के कारण विवाह आदि मांगलिक कार्य प्रभावित रहेंगे। 14 मार्च को सूर्य के मीन राशि में प्रवेश होने के साथ ही मळमास शुरू हो जाएगा, जो 14 अप्रैल तक रहेगा। इधर, गुरु तारा भी 30 मार्च को अस्त होगा, जो 28 अप्रैल को उदय होगा। इसके चलते करीब 46 दिन तक मांगलिक कार्य नहीं होंगे। हालांकि निर्णय सागर पंचांग के अनुसार नौ मार्च को विवाह के मुहूर्त है, उसके बाद एक मई से विवाह के मुहूर्त होंगे। होलाष्टक में नहीं होते मांगलिक कार्य पंडितों को मानना है कि होलाष्टक में विवाह नामकरण, यज्ञोपवीत संस्कार, नवीन गृह प्रवेश, मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा आदि मांगलिक कार्य नहीं होंगे।

पं. हरिकृष्ण दाधीच के अनुसार होलाष्टक में पूजा-पाठ व भगवान के भजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है होलाष्टक के दौरान श्रीसूक्त व मंगल ऋण मोचन स्त्रोत का पाठ करना चाहिए।

आज सर्वार्थ सिद्धि व कल अमृत सिद्धि योग
होलाष्टक से पहले 23 फरवरी को सुबह 9.01 बजे से लेकर 24 फरवरी की रात 12.30 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इसी तरह 24 फरवरी को सूर्योदय से रात 8.23 बजे तक अमृत सिद्धि योग रहेगा।

हालांकि कुछ पंचांग में होलाष्टक 28 फरवरी से शुरू होने का उल्लेख है, लेकिन अधिकांश पंडितों ने इसे 27 फरवरी से ही से ही शुरू होना माना है।