सुबह 4 से 10 के बीच हार्ट अटैक ज्यादा: दिन में वॉक करें; मोटे नहीं, पतले कपड़ों की कई परत पहनें, सर्दियों में 31 फीसदी बढ़ जाते हैं हार्ट अटैक के मामले

    नापासर टाइम्स। हाल ही में पंजाब से गुजर रही भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ चल रहे लोकसभा सांसद संतोष चौधरी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। राजस्थान सहित कई राज्य ठंडी हवाओं की गिरफ्त में है और चार दिनों तक मौसम का रुख सर्द ही रहेगा। जानकारों की

    मानें तो दुनिया में सर्दियों में दिल के दौरे का जोखिम 31-33% तक बढ़ जाता है। मौसम और हार्ट अटैक के संबंध पर स्वीडन में हुई सबसे बड़ी स्टडी और कई रिसर्च बताती हैं- सर्दियों में ज्यादातर दिल के दौरे सुबह 4 से 10 बजे के बीच पड़ते हैं।

    एक्सपर्ट गाइडलाइन; ताकि खून जमा देने और हड्डियां गला देने वाली सर्दी में भी आपका दिल मुस्कुराता रहे, गर्माहट कम ना हो

    सर्दियों में शुगर और बीपी बढ़ते हैं, डोज रीसेट कराएं बहुत मोटे गर्म कपड़े पहनने की जगह पतले ऊनी और सूती कपड़ों की ज्यादा लेयर पहनें। सिर और कानों को ढकें। सुबह की जगह दोपहर में सैर करें। सर्दियों में पी, शुगर की डोज डॉक्टर से रिसेट करवाएं। सर्दियों में नसें सिकुड़ने से दिल पर दबाव पड़ता है। ब्लॉकेज हैं तो नसें सिकुड़ने से अटैक का खतरा ।गुनगुना पानी पीयें, पांच फल सब्जी जरूर खाएं,दिल के मरीज हैं तो थकाने वाले काम न करें। काम के बीच ब्रेक लेते रहें। हल्के गर्म पानी से नहाएं, गुनगुना पानी पीयें। ज्यादा गर्म, तला-भुना खाना कम खाएं। कम से कम 5 फल-सब्जी को डाइट में शामिल करें।

    कम तापमान के कारण इंसुलिन का एब्जॉर्शन धीमा हो जाता है जिससे ब्लड शुगर का स्तर परिवर्तित हो जाता है।

    इंफ्लूएंजा की सालाना वैक्सीन जरूर लगवाएं सर्द मौसम शुरू होने से पहले लंग इंफेक्शन से बचने के लिए डॉक्टर से राय लेकर इंफ्लूएंजा, निमोनिया की सालाना वैक्सीन लगवाएं। विदेशों में 65 साल से ऊपर के बुजुर्ग अक्टूबर में फ्लू शॉट्स ले लेते हैं।

    सर्दियों मे बीपी बढ़ने से स्ट्रोक का खतरा होता है जो ब्रेन को डैमेज कर सकता है।

    सांस के संक्रमण से बचें, लक्षण नजरअंदाज न करें दिल अटैक के शुरुआती लक्षणों के बारे में डॉक्टर से जानें। फिजिकल एक्टिविटी से पहले या बाद अल्कोहॉल न लें। ताकि लक्षण नजरअंदाज न हों। सांस के संक्रमण से बचें, ये दिल के दौरे का खतरा बड़ा देते हैं। {शरीर को हायड्रेट रखने के लिए थोड़े अंतराल में गर्म पेय या पानी पीते रहें।प्यास लगने का इंतजार न करें। सहन शक्ति व मौसम के मुताबिक ही कसरत करें।

    शरीर की सहनशक्ति व मौसम के मुताबिक डॉक्टर से परामर्श लेकर ब्रिस्क वॉकिंग, योग, वेट ट्रेनिंग, इंटरवेल ट्रेनिंग, साइकलिंग, ताई ची करें। एक्सरसाइज से पहले वॉर्मअप करें जिससे शरीर उसे सह सके। पसीना नहीं बहने से गर्मियों की तुलना में सर्दियों में ब्लड वॉल्यूम भी ज्यादा होती है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है।

    एक्सपर्ट पैनल

    डॉ. पीसी रथ कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया अध्यक्ष व अपोलो हॉस्पिटल हैदराबाद में कार्डियोलॉजी के

    डॉ. अजीत बाना कार्डियक साइंसेज के चेयरपर्सन

    डॉ. कुणाल सरकार इंडियन एसोसिएशन ऑफ कार्डियोवेस्कुलर एंड थोरेसिक सर्जन्स के पूर्व अध्यक्ष

    डॉ. जयवीर राठौड़

    यूएस में ट्रिपल बोर्ड सर्टिफाइड न्यूरोलॉजिस्ट और जॉन्स हॉपकिन्स क्लिनिकल फैलोज काउंसिल के पूर्व वाइस चेयरमैन और चीफ फैलो