नापासर टाइम्स। गुरु ग्रह 1 अप्रैल 2023 को मीन राशि में अस्त हो रहे हैं. इस दिन के बाद से मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी.जानते हैं गुरु ग्रह के अस्त होने का महत्व और कब तक नहीं होंगे शुभ कार्य.
गुरु ग्रह 1 अप्रैल 2023 को शाम 07 बजकर 12 मिनट पर अस्त हो रहे हैं. अब 3 मई 2023 को सुबह 04.56 मिनट पर गुरु उदित होंगे.
गुरु ग्रह को भाग्य, सफलता, धन, सुख, का कारक माना गया है. बृहस्पति का सबसे ज्यादा प्रभाव विवाह और वैवाहिक जीवन पर पड़ता है. ऐसे में गुरु के अस्त होने पर विवाह, सगाई, व्रत उद्यापन, गृह प्रवेश करने की मनाही है.
जब भी गुरु किसी राशि में अस्त होते हैं तो बृहस्पति ग्रह की शक्तियां कमजोर पड़ जाती हैं और उनकी शुभता का प्रभाव घटने लगता है. ऐसे में कोई भी मांगलिक कार्य करने पर वह सफल नहीं होता और तमाम तरह की अड़चने आती हैं.
कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत बनाने के लिए विष्णु सहस्त्रनाम या हरिवंश पुराण का पाठ करने से शुभ परिणाम मिलते हैं. जिनकी कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर है वह 3 मई 2023 तक रोजाना ये उपाय करें.
गुरु के अस्त होने के बाद प्रतिदिन माथे और नाभि पर केसर का तिलक लगाएं. बृहस्पति देव को पीला रंग बहुत पसंद है. अगले एक महीने तक पीपल के पेड़ में ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।। मंत्र का जाप करते हुए जल चढ़ाएं. इससे बृहस्पति की अशुभता दूर होगी.