नापासर टाइम्स। शारदीय नवरात्रा की सप्तमी पर रविवार को माँ करणी दरबार देशनोक में माता जी के जन्मोत्सव पर दर्शनार्थियों का जन सैलाब उमड़ पड़ा,समूचा देशनोक माता जी के और शोभायात्रा के दर्शन करने दूर दराज व आसपास से आये श्रद्धालुओ से भर गया,अलसुबह से ही मन्दिर में दर्शनार्थियों की भारी भीड़ लगनी शुरू हो गई,पूरे दिन लंबी लाइने लगी रही,श्री करणी मन्दिर निजी प्रन्यास व स्थानीय प्रशासन द्वारा दर्शनार्थियों के लिए दर्शन की विशेष व्यवस्थाएं की गई,सुबह 9 बजे श्री करणी मन्दिर से माता जी की शोभायात्रा प्रारम्भ हुई,तेमड़ा राय मन्दिर जाकर पुनः शोभायात्रा श्री करणी मन्दिर पहुंची,पूरे रास्ते मे जगह जगह श्रद्धालुओ ने माता के दर्शन किये,पुष्प वर्षा की गई,चिरजाये गाते हुए भक्त बेंड बाजो की धुन पर उत्साह व श्रद्धा के साथ चलते रहे,माँ का 635 जन्मदिवस बड़े धूम से मनाया गया हर साल की हर्ष उल्लास से जयंती निकाली गई,लाखों की तादाद में भक्त जयंती यात्रा में शामिल हुए बेंड बाजा ढोल चिरजा भजन के साथ शोभा यात्रा का आयोजन हुआ, पहले माँ क़रणी अपने बहन माँ तेमडाराय से मिलने के लिये जाते है फिर सदर बाज़ार से होकर वापस करणी मन्दिर के लिए प्रस्थान करते है ,माँ के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में लोग मौजूद रहते हैं, देशनोक ग्राम वासियो के लिए यह दिन त्योहार जेसा है।
जन्मस्थल- जोधपुर के फलौदी (वर्तमान में आऊ) के सुवाप गांव के मेहो चारण द्वितीय के घर पर करणी माता का जन्म 21 महीने के गर्भ के बाद संवत् 1444 में अश्विनी मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को हुआ। 29 साल तक वहीं रही। पिता, बुआ सहित आस-पास के सैकड़ों लोगों को चमत्कार दिए। संवत् 1473 में विवाह पर जन्मस्थली छोड़ी।