Gopashtami 2023: आज है गोपाष्टमी पर्व, जानें इसका धार्मिक महत्व-पूजा विधि और मुहूर्त

    नापासर टाइम्स। गोपाष्टमी का सनातन धर्म में बड़ा ही धार्मिक महत्व है। यह दिन पूरी तरह से भगवान कृष्ण की पूजा के लिए समर्पित है। गोपाष्टमी के इस पवित्र दिन पर गायों और बछड़ों को सजाया जाता है और उनकी विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। यह पर्व मुख्य रूप से ब्रज में मनाया जाता है। गोपाष्टमी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह 20 नवंबर सोमवार के दिन मनाई जाएगी।

    *गोपाष्टमी- तिथि और समय*

    अष्टमी तिथि आरंभ – 20 नवंबर 2023 – 05:21

    अष्टमी तिथि समाप्त – 21 नवंबर 2023 – 03:16

    *गोपाष्टमी का महत्व*

    हिन्दुओं के बीच गोपाष्टमी का खास महत्व है। यह दिन ब्रज, गोकुल, मथुरा, वृन्दावन, द्वारकाधीश और पुरी में अत्यंत श्रद्धा और समर्पण के साथ मनाया जाता है। गोपाष्टमी के शुभ दिन पर साधक भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है। लोग इस पवित्र दिन पर गायों और बछड़ों की भी पूजा करते हैं और उन्हें घंटियों और कपड़ों से सजाते हैं।

    *गोपाष्टमी पूजा विधि*

    साधक सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें। अपने- अपने बछड़ों सहित गायों को स्नान कराएं। साधक अपने घर की सफाई करें। गाय और बछड़ों का रोली और चंदन से तिलक करें। भगवान कृष्ण की एक प्रतिमा लें और मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं। भोग प्रसाद- खीर, पूरी, सब्जी और हलवा का भोग तैयार करें। एक लकड़ी की चौकी पर भगवान कृष्ण की मूर्ति रखें और एक दीया जलाएं। भगवान कृष्ण को माला और भोग प्रसाद चढ़ाएं। फिर गाय को रोटी गुड़, फल और मिठाई खिलाएं। अगर घर पर गायें नहीं हैं, तो गौशाला में यह अनुष्ठान कर सकते हैं। गायों की पूजा करने के बाद ग्वालों को दक्षिणा दें। अंत में भगवान कृष्ण और गौ माता से आशीर्वाद लें।

    *गोपाष्टमी के दिन करें ये उपाय*
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    *गाय को चारा खिलाएं*

    ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गोपाष्टमी गौ माता को समर्पित होता है। इस दिन गाय के बछडे़ या गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन गाय को हरा चारा खिलाने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है साथ ही सभी समस्याओं से मुक्ति भी मिलती है।

    *परिक्रमा करें*

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गोपाष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण का ध्यान करना चाहिए साथ ही गाय माता की परिक्रमा करनी चाहिए। मान्यता कि ऐसा करने से भाग्योदय होता है साथ ही व्यक्ति को जीवन में किसी तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़ती है।

    *गाय के चरणों की धूल माथे पर लगाएं*

    मान्यता है कि गोपाष्टमी के दिन गाय के चरणों की धूल माथे पर लगाने चाहिए। साथ ही सूर्यास्त बाद गाय माता की पूजा करनी चाहिए। उसके बाद प्रणाम भी करें। ऐसा करने से जीवन में सफलता मिलती है।

    *ग्वालों को तिलक लगाएं*

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गोपाष्टमी के दिन ग्वालों को माथे पर तिलक लगाने चाहिए साथ ही दान-दक्षिणा जरूर देना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है साथ ही जीवन में चल रही किसी भी तरह की समस्या खत्म हो जाती है।

    *गाय की प्रतिमा रखें*

    ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गोपाष्टमी के दिन गाय की प्रतिमा जरूर लगानी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से कभी भी घर में अन्न और धन की कमी नहीं होती है। साथ ही धन संबंधित सारी समस्याएं भी खत्म हो जाती हैं।