ज्यादातर प्राइवेट अस्पतालों में नहीं मिलेगा फ्री इलाज: सिर्फ 9 प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में फ्री इमरजेंसी सुविधाएं; राजस्थान RTH लाने वाला पहला राज्य

नापासर टाइम्स। राजस्थान में राइट टू हेल्थ (RTH) बिल को लेकर सरकार और डॉक्टर्स के बीच चल रहा गतिरोध खत्म हो गया। इसी के साथ दो चीजें साफ हो गई। पहली ये कि अब राइट टू हेल्थ बिल लाने और ऐसा करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य हो जाएगा। दूसरी यह कि मोटे तौर पर निजी अस्पताल इस बिल के दायरे से बाहर होंगे। इस निर्णय के बाद ज्यादातर निजी अस्पताल बिल के दायरे से बाहर होंगे। सिर्फ प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और चुनिंदा निजी अस्पताल ही इस बिल के दायरे में आएंगे।

डॉक्टरों की हड़ताल के बाद क्या बदला

डॉक्टरों की इस हड़ताल से पहले राइट टू हेल्थ बिल के दायरे में तमाम अस्पताल और मेडिकल कॉलेज आ रहे थे। सिर्फ 50 से कम बेड वाले अस्पतालों को इसके दायरे से बाहर रखा गया था। मगर अब मोटे तौर पर तमाम निजी अस्पताल इस दायरे से बाहर आ गए हैं। राजस्थान के सिर्फ 5 प्रतिशत निजी अस्पताल अब इस हेल्थ बिल के दायरे में रह जाएंगे।

ऐसे अस्पताल जिन्होंने सरकार से जमीन मुफ्त या सब्सिडी के आधार पर ली हो, उनमें भी सिर्फ वही अस्पताल इस दायरे में आएंगे, जिन्होंने सरकार से जमीन लेने के दौरान हुए एमओयू की टर्म्स एंड कंडीशन में यह बात स्वीकार की हो कि वे भविष्य में सरकार का काम करेंगे। जिनकी टर्म्स एंड कंडीशन में ये चीजें नहीं होंगी वे इस दायरे में नहीं आएंगे।

निजी मेडिकल कॉलेजों को इस दायरे में रखा गया है। ऐसे में राजस्थान के 9 मेडिकल कॉलेज आरटीएच के दायरे में आ जाएंगे।

ये 9 मेडिकल कॉलेज दायरे में

गीतांजलि मेडिकल कॉलेज, उदयपुर

महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज, जयपुर

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, जयपुर

पैसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, उदयपुर

अनंता मेडिकल कॉलेज, उदयपुर

जेएनयू मेडिकल कॉलेज, जयपुर

अमेरिकन मेडिकल कॉलेज, उदयपुर

पैसिफिक मेडिकल कॉलेज, उदयपुर

डॉ एसएस टांटिया मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, श्रीगंगानगर

निजी मेडिकल कॉलेज दायरे में क्यों?

निजी डॉक्टर्स की हड़ताल के बावजूद निजी मेडिकल कॉलेजों को इस बिल के दायरे में रखा गया है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि निजी मेडिकल कॉलेजों के पास मेडिकल स्टूडेंस होते हैं। ऐसे में स्टूडेंटस को प्रैक्टिस के लिए पेशेंट की जरूरत होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्हें इस बिल के दायरे में रखा गया है। बिल के दायरे में रहेंगे तो कॉलेजों के पास पेशेंट आते रहेंगे। यही वजह है कि निजी मेडिकल कॉलेज इस बिल के विरोध में खड़े नहीं हुए थे।

तीन शहरों को छोड़कर अन्य जिलों में आएगी परेशानी

राजस्थान में 9 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं। ये सभी जयपुर, उदयपुर, श्रीगंगानगर में हैं। ऐसे में इन शहरों में तो फिर भी लोगों के पास निजी अस्पताल का ट्रीटमेंट आरटीएच के दायरे में लेने का विकल्प होगा। अन्य जिलों में परेशानी हो सकती है।