नापासर टाइम्स। आमतौर पर दिसम्बर के अंतिम दिनों में बीकानेर की सुबह कोहरे में डूबी होती है लेकिन इस बार तो अक्टूबर ऐसा मौसम आ गया है। मंगलवार सुबह बीकानेर और चूरू सहित पश्चिमी राजस्थान के अनेक हिस्सों में कोहरा छाया रहा। सूर्योदय के बाद भी कोहरे के हाथ को हाथ नजर नहीं आया। बीकानेर-जयपुर नेशनल हाइवे पर लोगों को गाड़ी किनारे खड़ी करके कोहरा कम होने का इंतजार करना पड़ा। बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर व चूरू में अधिकतम तापमान में भी कमी हुई है, जिससे सुबह व शाम सर्दी ने दस्तक दे दी है।
बीकानेर से श्रीडूंगरगढ़ की ओर जाने वाले मार्ग पर कोहरे का असर ज्यादा नजर आया। बीकानेर के नापासर, गोपालसर, बिग्गा, श्रीडूंगरगढ़ कस्बा सहित अनेक गांवों में सुबह कोहरे में लिपटकर आई। गोपालसर गांव में तो कोहरे के कारण कुछ दूर तक का दृश्य भी नजर नहीं आ रहा था। ग्रामीणों की मानें तो शुरू में कोहरा बहुत ज्यादा था, जो धूप आने के बाद धीरे धीरे कम होता चला गया। धोरों के बीच बसे बिग्गा गांव में भी कोहरे के चलते लोग सुबह जल्दी घरों से नहीं निकल सके।
फसल पर कोहरा
खेतों में फसल पर कोहरे का जमावड़ा रहा। खेतों में रात को पानी देने के कारण वैसे ही सुबह ठंडक रहती है, ऐसे में मंगलवार को कोहरे के चलते किसानों को ठिठुरन का अहसास तक हुआ। कोहरे की चादर दूर तक नजर आई। खासकर जिन खेतों में पानी दिया जा रहा है वहां फसलजिन खेतों में पानी दिया जा रहा है, वहां फसल के ऊपर तक कोहरा रहा।
फसल पर बादल
मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा का कहना है कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण नमी बढ़ गई है। कुछ क्षेत्रों में बारिश होने से भी नमी में बढ़ोतरी हो गई। ऐसे में बादल काफी नीचे आ जाते हैं। खेतों में फसलों पर जो कोहरा नजर आ रहा है, असल में ये बादल हैं जो नमी कारण काफी नीचे आ गए हैं। पश्चिमी राजस्थान में नौ से दस बजे तक नजर आ सकता है।
हाइवे पर दिखा असर
बीकानेर-जयपुर हाइवे पर वाहन चालकों को अपने वाहनों की हेडलाइट्स जलानी पड़ी। कई वाहन चालक दुर्घटनाओं से बचने के लिए चारों डिपर लाइट्स के साथ आगे बढ़े। वहीं श्रीडूंगरगढ़ के ढाबों पर रुककर लोगों ने कोहरा उतरने का इंतजार किया। ट्रक चालकों ने भी अपने पहिए रोक लिए थे ताकि किसी भी तरह के हादसे से बचा जा सके।
कोहरे में सर्वाधिक एक्सीडेंट
बीकानेर-जयपुर और बीकानेर-चूरू मार्ग पर कोहरे के कारण भारी संख्या में सड़क हादसे होते हैं। दरअसल, ये ट्यूबवेल से सिंचाई का एरिया है, जहां पहले से खेतों में जबर्दस्त पानी होता है। इस बीच ठंडी हवाओं के चलते कोहरा भी अन्य स्थानों की तुलना में ज्यादा बनता है। जो सड़क हादसों का कारण बनता है।
हनुमानगढ़ में सबसे कम पारा
मौसम विभाग ने पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश की उम्मीद जताई थी। इसके बाद कई एरिया में हल्की बारिश भी हुई। कोहरा का कारण भी पश्चिमी विक्षोभ ही माना जा रहा है। बीकानेर, चूरू जोधपुर व जैसलमेर में तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। बाडमेर में 36.6, जैसलमेर में 36.3, जोधपुर में 34.8, बीकानेर 33.4, चूरू 27.5, श्रीगंगानगर 28.4, धोलपुर 28.7 व हनुमानगढ. में 27.3 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा।